आज मंच पर दिखेगा मौर्य साम्राज्य का वैभव

एनसीजेडसीसी में नाट्य महोत्सव का आगाज

ALLAHABAD: विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान (रंगमंडल) एवं संस्कार भारती प्रयाग (काशी प्रांत) की ओर से एनसीजेडसीसी में नाट्य महोत्सव की शुरुआत संडे को हुई। तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें पहले दिन नौटंकी 'आला अफसर' का मंचन किया गया। मुद्राराक्षस रचित नौटंकी शैली का नाटक 1977 में लिखा गया था। इसमें दिखाया गया कि चेयरमैन को सूचना मिलती है कि एक बड़ा अफसर दिल्ली से आने वाला है। वह सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगा।

ठग को समझ गए अफसर

ठीक उसी समय एक व्यक्ति होटल में आकर ठहरता है। उसकी चाल ढाल और वेशभूषा देखकर लोग उसे ही अफसर समझ बैठते हैं और जमकर खातिरदारी करते हैं। वह भी मौके का फायदा उठाता है और सबको लूटकर नौ दो ग्यारह हो जाता है। लोगों के होश तब उड़ जाते हैं, जब उन्हें पता चलता है कि असली अफसर तो अभी आया ही नहीं है। इस दौरान कलाकारों ने अपने अभिनय की भरपूर छाप छोड़ी। निर्देशक आतमजीत सिंह एवं सह निर्देशक अजय मुखर्जी थे। प्रमुख किरदारों में मंच पर अनोखे, चोखे, हाकिम, हेडमास्टर, इंस्पेक्टर, चंचल, धोबन, बैरा, फरियादी आदि नजर आए।

मानव से महामानव

मंडे को सम्राट अशोक का मंचन किया जाएगा। इसमें युद्ध और हिंसा से ग्रस्त 21वीं सदी की मानवता को समर्पित इतिहास के उन पन्नो को दिखाने की कोशिश की जाएगी, जिसने भारतीय इतिहास की धारा को मोड़कर रख दिया। नाटक सम्राट अशोक के मानव से महामानव बनने की गाथा है। इसमें दिखाया जाएगा कि कैसे समूचे आर्यावर्त को मौर्य साम्राज्य के झंडे तले लाने वाले अशोक ने कलिंग के राजकुमार के बलिदान के आगे घुटने टेक दिये और शस्त्रों का त्याग कर दिया। ट्यूजडे को महाराज भरथरी की दास्तान को दिखाया जाएगा।