प्रदर्शनी में रखे गए टैंक:

दो बख्तरबंद टैंकों को साइंस फॉर सोल्जर्स प्रदर्शनी में लगाया था। इसका आयोजन पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में डीआरडीओ ने अवदी मे कराया था। टैंक का निर्माण और परीक्ष सेना के लिए किया है। इसका इस्तेमाल नक्सल प्रभावित इलाकों में होगा।

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तीन तरह के है ये टैंक:

मुंत्रा-एस का निर्माण जमीन पर मानवरहित निगरानी मिशन, मुंत्रा-एम सुरंग का पता लगाने और मुंत्रा-एन ऐसे इलाकों का पता लगाने के लिए है, जहां परमाणु या जैविक हथियारों का जोखिम हो।

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राजस्थन में हुआ परीक्षण्ा:

इन टैंकों का परीक्षण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों के तेज तापमान में किया गया है। परीक्षण के दौरान सेना ने इस टैंक को सफलापूर्वक संचालित किया। इसमें निगरानी रडार, कैमरा, लेजर रेंज का पता लगाने वाली डिवाइस है।वहीं इससे 15 किलोमीटर की दूरी तक भारी वाहनों का पता लगाया जा सकता है।

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