150 बच्चे स्टेडियम में कर रहे फुटबॉलर बनने की तैयारी

नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा ले चुके हैं शहर के कई खिलाड़ी

Meerut। देश-दुनिया में शहर को स्पो‌र्ट्स हब के नाम से जाना पहचाना जाता है। यही नहीं, विभिन्न खेलों में मेरठ के खिलाड़ी विदेशों में भी डंका बजा चुके हैं। इनमें क्रिकेट, बैडमिंटन, शूटिंग, कुश्ती आदि खेलों में मेरठी खिलाड़ी प्रतिभा दिखा रहे हैं, इसके अलावा फुटबॉल में भी बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है।

बच्चे दिखा रहे रुचि

फुटबॉल खेलने के लिए बच्चों में खास क्रेज है। हालत यह है कि स्टेडियम में समर कैंप में बच्चे ही सबसे ज्यादा फुटबॉल के गुर सीख रहे हैं। स्टेडियम में फुटबॉल के कोच ललित पंत के मुताबिक इस बार बच्चों में खास क्रेज देखने को मिल रहा है। हालांकि अगर इन्हीं बच्चों को बेहतर सुविधाएं और ट्रेनिंग मिले तो ये विश्व पटल पर मेरठ के साथ साथ देश का नाम रोशन कर सकते हैं।

बचपन से भविष्य की तैयारी

कैलाश प्रकाश स्टेडियम में इन दिनों 8 से 9 साल के बच्चों से लेकर 12 से 15 साल तक के बच्चों में भी फुटबॉलर बनने का सपना पनप रहा है। लिहाजा, अभी से वे स्टेडियम में जी जान से फुटबॉल की प्रैक्टिस में जुटे रहते हैं। कोच ललित पंत कहते हैं कि स्टेडियम में बच्चों को प्रैक्टिस के दौरान फुटबॉल खेलने की तकनीकि जानकारी दी जाती है, जिससे वे भविष्य में एक अच्छे फुटबॉलर बन सकें।

बढ़ गई संख्या

शहर के बच्चों में फुटबॉल खेलने का क्रेज बढ़ गया है। जिस कारण स्टेडियम में इस समय 150 से अधिक बच्चे रोजाना फुटबॉल खेलने की प्रैक्टिस करते हैं, साथ ही हर रोज फुटबॉल की बारीकियां समझ रहे हैं। वहीं, समर कैंप में भी 70 से 80 बच्चे फुटबॉल में अपनी प्रतिभा निखार रहे हैं।

नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं कई खिलाड़ी

कोच ललित पंत के मुताबिक हर वर्ष स्टेडियम स्तर पर होने वाले नेशनल मैच में स्टेडियम से कोई ना कोई खिलाड़ी इसमें प्रतिभाग जरूर करते हैं। वे बताते हैं कि अभी तक तकरीबन 15 बच्चे नेशनल स्तर पर फुटबॉल खेल चुके हैं।

हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हर बच्चे को अच्छे से अच्छा तैयार करके मैदान में उतरा जाए, जिससे वे शहर व भारत का नाम रोशन कर सकें।

ललित पंत, उप क्रीड़ा अधिकारी

स्टेडियम में सुविधाएं तो है, लेकिन सरकार की ओर से कुछ और सुविधाएं होनी चाहिए। जिस प्रकार से अन्य खेलों की प्रतियोगिताएं होती रहती हैं वैसे ही फुटबॉल की भी प्रतियोगिताएं होनी चाहिए।

रुद्राक्ष, खिलाड़ी

फुटबॉल की ओर कोई ध्यान ही नहीं देता। स्टेडियम में अच्छा ग्राउंड है और भी सुविधाएं है। पर यहां केवल अभ्यास करने से क्या फायदा। कोई टूर्नामेंट हो, जिसमें यहां के खिलाड़ी भाग लेने के लिए जाएं तभी फायदा है।

रोहन, खिलाड़ी

अन्य खेलों की तरह फुटबॉल की तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यदि सरकार ध्यान दे और सुविधाएं दे यहां से पेले, रोनाल्डो जैसे खिलाड़ी निकल सकते हैं।

कुशाग्र, खिलाड़ी