- जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं दी जा रही प्रॉपर डाइट

- मेन्यू में से आधा सामान गायब, दाल-रोटी से सुधर रहे सेहत

Mohit Sharma

Meerut। एक ओर जहां शासन स्वास्थ सेवाएं सुधारने के बड़े-बड़े दावे कर रहा है। वहीं जिला अस्पताल में दवा तो मरीजों को दो जून की रोटी भी ढ़ंग से नहीं परोसी जा रही है। हॉस्पिटल स्टाफ ने मरीजों की डाइट से नाश्ता ही हटा दिया है, जबकि शासन ने मरीजों के लिए एक प्रॉपर डाइट प्लान जारी कर रखा है। नतीजा यह है कि बेचारे मरीजों को दो जून की पनीली दाल रोटी से अपनी सेहत सुधारने को मजबूर होना पड़ रहा है।

खुल गई पोल

जिला अस्पताल प्रशासन भले ही सुव्यवस्था के चाहे लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर सारा मामला हवा-हवाई नजर आता है। ऐसा ही एक सच तब उजागर हुआ जब आईनेक्स्ट टीम ने सोमवार को जिला अस्पताल के वार्डो का दौरा किया। इस दौरान जब मरीजों से बात की गई तो अस्पताल प्रशासन की सारी पोल-पट्टी खुल गई। यहां मरीजों को न समय से दवा दी जा रही है और न गुणवत्तापरक भोजन। ऐसे में गरीब मरीजों को यह इलाज के बजाए भुखमरी से दो-चार होना पड़ रहा है।

ये है डाइट प्लान

फूड मात्रा

दूध 500

शक्कर 58

आटा 233

दाल 58

नमक 05

घी डालडा 23

सब्जी 73

आलू 58

चावल 233

आलू 58

ब्रेड 2

अंडे 2

(ब्रेड-अंडे को छोड़कर बाकी सभी चीजों की मात्रा ग्राम में.)

डाइट से गायब

-दूध

-अंडे

-ब्रेड

-सब्जी

-घी और दलिया

-शक्कर

-चावल

कहां जा रहा राशन

मरीजों की डाइट से क्वालिटी और फूड एक के बाद एक गायब होता जा रहा है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि डाइट से गायब हो रही चीजें आखिर जा कहां रही हैं। शासन से जारी होने वाला लाखों का बजट आखिर मरीजों तक न पहुंच कर किस-किस की जेबों को भर रहा है।

मैं पिछले 15 दिनों से भर्ती हूं। हॉस्पिटल से जो खाना मिलता है, वो खाने लायक नहीं है। इसलिए घर से खाना मंगाकर खाना पड़ता है।

-इस्लाम, हर्रा

मार्च से भर्ती हूं। मुझे आज तक नाश्ता नहीं दिया गया। बाहर चाय की दुकान से चाय और बिस्कुट मंगाकर काम चलाता हूं। यहां किसी को नाश्ता नहीं दिया जाता।

-मुखविन्द्र, टीपी नगर

खाने में आज तक दाल के अलावा कोई दूसरी सब्जी नहीं दी गई। दाल में भी पानी भरा होता है। किसी तरह पेट भर लिया जाता है।

-रामजी, गढ़ अड्डा

नाश्ता कभी नहीं दिया जाता। बस दोनों से समय खाना आता है। खाना की क्वालिटी भी बदतर होती है। कई बार शिकायत की गई। कोई लाभ नहीं हुआ।

-आनंद कुमार, पल्लवपुरम

यहां न दवा मिलती है और न खाना। इससे तो अच्छा मरीज अपने घर पर है। कम से कम पेट भर भोजन तो मिल जाता है।

-अब्दुल्ला, खिवाई

मरीजों को डाइट प्लान के मुताबिक खाना मिलना तय है। यदि कहीं किसी स्तर पर चूक हो रही है तो मैं खुद जाकर वार्डो में निरीक्षण करुंगा।

सुनील कुमार गुप्ता, सीएमएस जिला अस्पताल