-बिठूर और जाजमऊ में नाइट्रेट की मात्रा अधिक, मानक से 10 तक गुना बढ़ा हुआ है पानी में नाइट्रेट

-ग्राउंड वाटर रिपोर्ट में हुआ खुलासा, यूरिया और इंडस्ट्रियल वेस्ट पानी में जाने से पानी हुआ जहरीला

-कैंसर का बड़ा कारक बन रहा है नाइट्रेट, बिगड़ा हीमोग्लोबिन, थकान और फूली सांस खतरे की घंटी

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KANPUR :ाहर में प्रतिदिन प्रदूषित होते जा रहे पानी से नए-नए रोग जन्म लेते जा रहे हैं। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार कानपुर के ग्राउंड वाटर में नाइट्रेट की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। इससे पीने वाले व्यक्ति को कैंसर तक हो सकता है। इसके प्रमुख लक्षणों में हीमोग्लोबिन की मात्रा में उतार-चढ़ाव, ज्यादा थकान, सांस फूलना और त्वचा नीली पड़ना है। भूगर्भ जल की जांच के लिए बिठूर, कानपुर सिटी और जाजमऊ के क्षेत्र को चुना गया था। जिसमें मानक से 10 गुना ज्यादा तक नाइट्रेट का स्तर बढ़ा पाया गया।

स्तर बढ़ा हुआ पाया गया

बीआईसी (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंड्डर्स) के अनुसार पानी में नाइट्रेट की मात्रा 1 लीटर पानी में 10.2 एमजी तक होनी चाहिए। 45 एमजी तक होने पर पानी नुकसानदायक नहीं होता है। मात्रा इससे ज्यादा होने पर यह शरीर के लिए खतरनाक हो जाता है। औद्योगिक क्षेत्रों में पानी में नाइट्रेट की स्थिति बेहद गंभीर है।

कैंसर का बड़ा कारक

नाइट्रोजन नाइट्रेट में बदलकर भूजल में मिल जाता है। खेतों में यूज होने वाली यूरिया से भारी मात्रा में नाइट्रेट में बदलकर भूगर्भ जल में चला जाता है। सीवरेज और मल मूत्र से भी रिसकर नाइट्रेट भूजल में पहुंच रहा है। वहीं कलरिंग एजेंट में नाइट्रेट की मात्रा में ज्यादा होती है। शरीर में यह हीमोग्लोबिन के आयरन से रिएक्शन कर नाइट्रेट इसे मेथोग्लोबिन में बदल देता है। इससे कैंसर होने और गर्भवती महिलाओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। यही नहीं किडनी फेल होने का भी बड़ा कारण बनता है।

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3 हिस्सों में लिए गए सैंपल

एरिया सैंपल नाइट्रेट की मात्रा

बिठूर 93 205.00एमजी/लीटर

कानपुर सिटी 105 105 एमजी/लीटर

जाजमऊ 99 123 एमजी/लीटर

नोट- बीआईएस के मानकों के अनुसार 1 लीटर में नाइट्रेट की मात्रा 10.2 एमजी होनी चाहिए।

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नाइट्रेट की मात्रा अधिक होने के लक्षण

-ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता गिरती जाती है।

-थकान ज्यादा महसूस होने लगती है।

-बेबी सिंड्रोम से बच्चों का शरीर नीला पड़ने लगता है।

-आंत का कैंसर व किडनी फेल हो सकती है।

-गर्भवती महिलाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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पानी में नाइट्रेट की मात्रा मानक से अधिक होने पर वह शरीर पर काफी बुरा प्रभाव डालता है। इससे कैंसर तक हो सकता है। जाजमऊ एरिया के पानी में नाइट्रेट की अधिकता हो गई है।

-कुलदीप मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कानपुर नगर।