- निकाय चुनाव में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना बना अहम मुद्दा

- स्वच्छ पेयजल न मिलने से शहरवासी परेशान

Meerut । निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है तो शहरभर में कई मुद्दे चर्चा का विषय बने हैं। शहरवासियों की माने तो स्वच्छ पेयजल भी अहम चुनावी मुद्दा है। हालत यह है कि शहर के कई इलाकों में आम लोगों को स्वच्छ पानी भी उपलब्ध नहीं है। आलम यह है कि पानी में कभी रेत तो कभी गंदगी आती है। बावजूद इसके, नगर निगम के अधिकारी इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं।

नहीं है पाइप लाइन

इस बार निकाय चुनाव में पेयजल अहम मुद्दा है क्योंकि अभी तक शहर में पानी की पाइप लाइन तक नहीं बिछ सकी है। कई बार नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों ने यह मुद्दा उठाया है। यही नहीं, जहां पर पानी की पाइप लाइन नहीं है वहां पर नगर निगम ने वॉटर टैक्स का बिल बनाकर भेज दिया।

1150 एमएलडी की जरूरत

शहर की जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम पानी मुहैया नहीं करा पा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस समय नगर निगम शहर को 235 एमएलडी पानी दे रहा है। इसमें 100 एमएलडी गंगाजल और जोड़ दिया जाए तो 335 एमएलडी पानी उपलब्ध है। जबकि नगर निगम के अनुसार शहर की जनसंख्या 11 लाख है उस हिसाब से शहर को 1485 एमएलडी पानी की जरूरत है। जबकि नगर निगम महज 335 एमएलडी पानी ही मुहैया करा पा रहा है। लिहाजा शहर को अभी भी 1150 एमएलडी पानी की दरकार है।

नगर निगम से जो पानी की सप्लाई आती है उसका प्रेशर ही नहीं आता है। बिना मोटर के पानी टंकी तक नहीं पहुंचता है। वैसे भी नगर निगम का पानी स्वच्छ नहीं आता है। कम से कम पानी तो साफ देना चाहिए। महापौर को स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।

दीपक

नगर निगम जब वॉटर टैक्स लेता है तो सुविधा तो ठीक देनी चाहिए। पानी का प्रेशर ही नहीं आता है। जब कभी तेज प्रेशर आता है तो गंदा पानी आता है। उस पानी को यदि कोई पी ले तो वह बीमार पड़ जाएगा। स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए नेताओं को प्रयास करने चाहिए।

देवेंद्र

चुनाव में हर नेता वादा करता है। लेकिन काम कोई नहीं करता है। नेताओं को बुनियादी सुविधा पर ध्यान देना चाहिए। चाहे कोई वादा पूरा करें या न करें लेकिन बुनियादी सुविधा तो अच्छी देने के लिए प्रयास करना चाहिए।

अशोक

स्वच्छ पानी तो हर किसी को मिलना चाहिए। सरकारी विभाग और नेता वैसे तो कुछ विकास करते नहीं है। कम से कम पानी और सड़क तो अच्छी देनी चाहिए। पानी का तो बुरा हाल है। न तो नगर निगम का पानी आता है और न ही हैंडपंप से पानी निकलता है।

संजय