- नीलकंठ क्षेत्र में पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण

- गांवों को सप्लाई होने वाला पानी कांवड़ यात्रा के लिए किया डायवर्ट

- ग्रामीणों ने की पानी की मांग, मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी

RISHIKESH: नीलकंठ क्षेत्र में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे में कांवड़ यात्रा ने स्थानीय लोगों की परेशानी को और ज्यादा बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि कांवड़ यात्रा के लिए स्थानीय पेयजल योजनाओं का पानी डायवर्ट किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। नीलकंठ क्षेत्र के कई गांवों में पानी की किल्लत है।

पंपिंग योजना का पानी डायवर्ट

हर साल करीब एक पखवाड़े तक चलने वाला कांवड़ मेला स्थानीय लोगों के मुसीबत का सबब बन जाता है। कांवड़ मेले के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जाने वाली पेयजल लाइनों से मेले के लिए पानी डायवर्ट किया जाता है और स्थानीय लोगों को हर साल पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इन दिनों नीलकंठ क्षेत्र के कई गांवों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। दरअसल इन गांवों में पुंडरासू पंपिंग योजना से पेयजल आपूर्ति की जाती है और इन दिनों विभाग ने पंपिंग योजना से नीलकंठ मंदिर व पैदल मार्ग पर कांवड़ यात्रियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी जोड़ दिया है। यहां चौबीसों घंटे पेयजल आपूर्ति देने के फेर में विभाग ने गांवों की पेयजल आपूर्ति में कटौती कर दी है। कटौती के चलते कई गांवों में पानी नहीं मिल पा रहा।

इन गांवों में है दिक्कत

ग्राम पंचायत मराल, भादसी, तोली, मौन, जुड्डा, पुंडरासू, मौवण, खैरगल।

नहीं होती सुनवाई

समाजवादी पार्टी के विधान सभा क्षेत्र अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राणा ने बताया कि क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से पानी की भारी किल्लत हो गई है। विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की गई, मगर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द से जल्द पेयजल समस्या का समाधान नहीं किया जाता तो समाजवादी पार्टी क्षेत्रीय जनता के साथ आंदोलन को विवश होगी।

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गांवों में पानी की कटौती का मामला मेरे संज्ञान में आया है। कोशिश की जाएगी कि कांवड़ मेला क्षेत्र के लिए दूसरे टैंक से पानी की आपूर्ति की जाएगी। गांवों में पेयजल की कमी नहीं होने दी जाएगी, इसके लिए संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।

- ओपी बहुगुणा, ईई, जल संस्थान, कोटद्वार