Ranchi: ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा रांची सहित सभी जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है। इस सेंटर में डीएल लेने से पहले हर स्तर पर ड्राइविंग से संबंधित टेस्ट लिया जाएगा, सेंटर द्वारा सर्टिफिकेट दिए जाने के बाद ही डीएल इश्यू किया जाएगा। रांची के डीटीओ नागेंद्र पासवान ने बताया कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं स्किल ड्राइवर नही रहने के कारण होती है, इसलिए अब डीएल इश्यू करने के पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में आवेदक का टेस्ट लिया जाएगा।

 

पीपीपी मोड पर सेंटर

परिवहन विभाग द्वारा हर जिले में पीपीपी मोड पर एक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा। सेंटर खोलने के लिए सरकार की ओर से लागत का 50 प्रतिशत या एक करोड रूपए तक की सहायता दी जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से एनजीओ, ट्रस्ट या कॉ-आपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से इस सेंटर को चलाया जाएगा।

 

डीएल के लिए ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जरूरी

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए मोटर ट्रेनिंग सेंटर से वाहन चलाने का प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा, इनमें डीएल बनवाने के लिए मोटर ड्राइविंग स्कूल के सर्टिफि केट को आवेदन फ ॉर्म के साथ जमा करना होगा। इस सर्टिफिकेट में ड्राइविंग स्कूल में लिए गए दाखिले का रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन की तारीख, ट्रेनिंग की अवधि और प्रशिक्षण पूरा करने का सर्टिफि केट देना होगा उसके बाद ही डीटीओ कार्यालय से डीएल दिया जाएगा।

 

सेंटर में होंगी ये फैसिलिटीज

- लगभग दो एकड़ एरिया में बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस सेंटर

-सेंटर में डेडिकेटेड ड्राइविंग ट्रैक की होगी व्यवस्था

- सेंटर में दो क्लास रूम होंगे, जहां थ्योरी की जानकारी भी दी जाएगी।

- क्लास रूम में कंप्यूटर व प्रोजेक्टर की फैसिलिटी होगी।

-हल्के व भारी वाहनों के लिए सेंटर में सिमुलेटर का होगा इंतजाम

-बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम की सेंटर में होगी व्यवस्था

- ढलान रास्ते व मोड़ वाले बनाए जाएंगे

 

ड्राइविंग ट्रैक

- हल्के व भारी वाहन में दो तरफा नियंत्रण की होगी सुविधा

- सेंटर के संचालन के लिए होंगे प्रशिक्षित स्टाफ

 

डीएल इश्यू करने के लिए अभी ये है व्यवस्था

वर्तमान में सोमवार और बुधवार को मोरहाबादी मैदान में टेस्ट ड्राइव लिया जाता है, उस टेस्ट में पास करने वाले को तत्काल सर्टिफिकेट दिया जाता है और उसका ड्राइविंग लाइसेंस बन जाता है। इसमे परेशानी यह है कि पांच मिनट के टेस्ट में पूरा पता नही चल पाता है कि गाडी चलाने वाले गाडी चलाने की स्किल है कि नही। थ्योरी की कोई क्लास नही ली जाती है।