-रेता, बजरी की सप्लाई नहीं हाने से काम ठप

- बजट की कमी भी बनी ट्रैक निर्माण में समस्या

>BAREILLY: परसाखेड़ा में बनाए जा रहे ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का काम बीच में ही अटक गया है। अभी तक ट्रैक का सिर्फ 60 फीसदी ही कार्य ही पूरा किया जा सका है। जबकि ड्राइविंग टेस्टिंग के लिए ट्रैक अप्रैल तक तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन बजट की कमी और रेत, बजरी की सप्लाई नहीं होने से कार्य बंद हो गया है। वहीं, जून तक आरटीओ ऑफिस की बिल्डिंग भी तैयार करना है।

जून तक तक होने थे निर्माण

ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होने से इन दिनों ट्रांसपोर्टर्स माल की ढुलाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्रकों को खड़ा कर दिया है। सिर्फ रेता, बजरी की सप्लाई प्रभावित है, जिस वजह से निर्माण कार्य करा रहे लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। पांच हजार स्क्वॉयर वर्ग मीटर में बनाए जा रहे ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक में आरटीओ कार्यालय भी बनाया जाएगा। पिछले कई दिनों से रेता, बजरी की सप्लाई नहीं होने से ट्रैक का काम प्रभावित है।

दूसरी किस्त नहीं हुई जारी

डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहे ट्रैक की पहली किस्त 75 लाख रुपए जारी हो गई थी। यह खत्म होने के बाद अभी तक दूसरी किस्त नहीं मिली है। ट्रैक को पूरी तरह से ऑटोमेटिक बनाया जा रहा है। यहां जेब्रा लाइन, ट्रैफिक लाइट भी लगी होगी। एक रूम में अंदर सिग्नल लगाए जाएंगे। टै्रक पर दो पहिया और चार पहिया वाहन चलाते समय अगर गलती हुई तो कमरे में लगे सिग्नल ऑन हो जाएंगे। मानक के मुताबिक गलती हुई तो आवेदन रद हाे जाएगा।

टै्रक के आसपास होगी हरियाली

परसाखेड़ा में बन रहे ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक आसपास भरपूर हरियाली भी होगी। पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए ट्रैक के चारों तरफ प्लांटेशन होगा। ताकि, ड्राइविंग टेस्टिंग के दौरान निकलने वाले पॉल्यूशन को पेड़-पौधे ऑब्जर्व कर शुद्ध हवा दे सकें।

रेता, बजरी की सप्लाई नहीं होने से काम ठप हैं। बजट भी जारी नहीं हुआ है। ऐसे में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनने में समय लग सकता है।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन