- RTO ऑफिस के कैम्पस में सारथी भवन बनकर तैयार

- इस बिल्डिंग में सिर्फ लाइसेंस बनाने का होगा काम

LUCKNOW:

अब लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को आरटीओ ऑफिस कार्यालय में काउंटर-काउंटर भटकना नहीं पड़ेगा। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में सारथी भवन बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इस भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

भीड़ को देखते हुए लिया डिसीजन

ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ ऑफिस में लाइसेंस के लिए जुटने वाली भीड़ को देखते हुए परिवहन विभाग ने राजधानी में अलग से सारथी भवन बनवाया है। इस दो मंजिले भवन में सिर्फ लाइसेंस बनाए जाएंगे। आवेदन से लेकर ऑनलाइन टेस्ट और सेम्यूलेटर टेस्ट के साथ ही बायोमैट्रिक की प्रक्रिया भी यहीं पूरी की जाएगी।

रोज आते हैं 300 से ज्यादा आवेदन

आरटीओ में रोज लाइसेंस बनवाने के लिए 300 से अधिक आवेदन आते हैं। जबकि कार्यालय में बैठने के लिए मात्र 50 सीटें ही हैं। लाइसेंस के साथ ही यहां पर गाड़ी ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन, टैक्स संबंधी अन्य कार्य भी आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में यहां काफी भीड़ लगी रहती है।

वायरिंग और फिनिशिंग का काम बाकी

एआरटीओ प्रशासन ने राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि सारथी भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। बस वायरिंग और फिनिशिंग का काम आखिरी दौर में है। इसके बाद यहां पर ऑफिस शिफ्ट कर काम शुरू किया जाएगा। यहां पर बड़े हॉल होने के कारण जहां एक साथ 25 लोग ऑनलाइन एग्जाम दे सकते हैं वहीं अन्य आवेदन अपनी बारी आने के लिए प्रतीक्षा भी कर सकते हैं। इस हॉल में सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

कितने नंबर मिले बताएगी मशीन

खास बात यह है कि सारथी भवन में ही सेम्यूलेटर भी लगाया जाएगा। इसके लिए बजट मिल चुका है। इस पर बैठते ही दर्शकों को आगे बनी स्क्रीन पर रोड दिखाई देगी। टेस्ट के दौरान रोड पर फॉग और मोड़ भी दिखाई देंगे। टेस्ट के बाद मशीन आवेदक को मिलने वाले नम्बर और की गई गलतियों के बारे में खुद ही बता देगी।

कोट

प्रदेश के अन्य जिलों में भी सारथी भवन निर्माणाधीन हैं। इसकी शुरुआत लखनऊ से हुई है। लाइसेंस बनवाने के लिए जुटने वाली भीड़ को देखते हुए सारथी भवन बनाया गया है।

गंगाफल

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा

बाक्स

पॉज मशीन से जमा होगा टैक्स

सारथी भवन के एक कमरे में टैक्स जमा करने के लिए पॉज मशीन लगाई जाएगी। हालांकि अभी इसके लिए ऑनलाइन सुविधा है लेकिन यह मशीन लग जाने से लोगों को टैक्स जमा करने में और भी आसानी हो जाएगी। स्क्रीन पर मिलने वाली जानकारी से लोग टैक्स चुकाएंगे और वहीं से उन्हें जमा धन की पर्ची भी मिल जाएगी।