- सीएम योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं टेस्टिंग ट्रैक का इनॉग्रेशन

- सेंसर लगे ट्रैक पर टेस्ट पास करने पर ही बन सकेगा लाइसेंस

BAREILLY:

प्रदेश का पहला ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बरेली के परसाखेड़ा में बन कर तैयार हो गया है। फिलहाल प्रदेश के किसी भी शहर में ट्रैक नहीं है। बरेली और कानपुर में एक साथ ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनने शुरू हुए थे। बरेली में ट्रैक पहले बन कर तैयार हो गया है। चूंकि यह प्रदेश का पहला ट्रैक है सो इसका इनॉग्रेशन प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं। सेंसर टेक्निक वाला ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर टेस्ट पास करने वाले अप्लीकेंट्स को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा। ट्रैक पर टेस्ट देते वक्त कोई गलती हुई तो सेंसर तुरंत पकड़ लेगा। लिहाजा अप्लीकेंट्स की ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया जाएगा।

5 हजार स्क्वॉयर मीटर में है ट्रैक

आरआई वीके चौधरी ने बताया कि सड़क सुरक्षा को ध्यान में रख कर प्रदेश में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया गया है। ताकि, ट्रैफिक रूल्स की जानकारी जिसे है उसे ही लाइसेंस जारी किया जा सके। ट्रैक को 5 हजार स्क्वॉयर मीटर में डेढ़ करोड़ की लागत से बनाया गया है। ट्रैक मई में ही बन कर तैयार हो जाना था। लेकिन फंड की कमी बीच में बाधा बन गई थी। लेकिन अब ट्रैक का काम पूरा हो चुका है। सुरक्षा और अप्लीकेंट्स पर नजर रखने के लिए 11 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। वहीं प्रत्येक ट्रैफिक सिग्नल पर सेंसर लगाए गए हैं। 3-4 दिन में ट्रैक का इनॉग्रेशन किया जाएगा।

कम्प्यूटर से निकलेगी फेल, पास की स्लिप

ट्रैक पर एच, ऑफ एस, पार्किंग, यू टर्न, 8, जेब्रा क्रॉसिंग प्रमुख ट्रैफिक सिग्नल बनाए गए हैं। सभी सिग्नल पर सेंसर लगा हुआ है। जो कि कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया है। ड्राइविंग के वक्त गाड़ी ट्रैक के किनारे पर टच होती है तो सेंसर गलती पकड़कर आगे कम्प्यूटर को पास कर देगा। टेस्ट के वक्त दूसरा ड्राइविंग न करे या कोई मदद न करे, इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और पूरे प्रोसेस की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। टेस्ट पास करने के लिए तय टाइम भी होगा यानी उतने वक्त में गाड़ी का इन-आउट होना जरूरी होगा। टाइमिंग सेंसर में नोट होगी। टेस्ट पास करने के लिए नंबरिंग भी रखी जाएगी। गाड़ी ट्रैक से बाहर आते ही कम्प्यूटर से फेल या पास की स्लिप जारी करेगा। जिसके आधार पर डीएल इश्यू होगा।

ट्रैक बन कर तैयार हो गया है। टेस्टिंग चल रही है। जल्द ही इसका इनॉग्रेशन किया जाएगा। टेस्ट पास करने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो सकेंगे।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन