- ड्रोन से रखी गई पांच सौ मीटर तक की सुरक्षा

- हाई डेफीनेशन कैमरे से रखी गई मंदिर की निगरानी

Meerut: मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार हुई कांवड़ यात्रा को लेकर चौकसी के पूरे इंतजाम किए गए। शिवरात्रि पर जल अभिषेक के दौरान एक नया प्रयोग औघड़नाथ मंदिर में किया गया। यहां ड्रोन ने बारह हजार फुट ऊपर से औघड़नाथ मंदिर के आसपास खड़े लोगों पर पूरी निगरानी रखी।

क्यों की गई ये व्यवस्था

यूं तो हर बार ही कांवड़ यात्रा पर आतंकी साया रहता है, लेकिन इस बार मुजफ्फरनगर दंगे के चलते अधिकारी पहले से अलर्ट थे। साथ ही पांच दिन पूर्व आई खुफिया तंत्र की रिपोर्ट पर गृह मंत्रालय ने लखनऊ में बैठे आला अधिकारियों से लेकर लोकल अधिकारियों तक अलर्ट कर दिया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि मुजफ्फनगर दंगे के बाद आतंकी घटना की संभावना है। इससे बचने के लिए सख्ती से सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। इस रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुए इस बार ड्रोन के माध्यम से औघड़नाथ मंदिर पर बारह हजार फुट ऊपर से निगरानी रखी गई है।

पांच सौ मीटर के दायरे में वर्क

डीआईजी के। सत्यनारायण ने बताया कि लखनऊ एसटीएफ के माध्यम से मेरठ में ड्रोन का प्रयोग किया गया। यह एक ऐसा यंत्र है, जो करीब बारह हजार फुट ऊपर जाकर हाई डेफीनेशन वीडियो रिकार्डिग कैमरे के माध्यम से पांच सौ मीटर की दूरी तक हो रही एक्टिविटी को कवर करता है। इसका संचालन रिमोट से होता है।

कुंभ में किया गया प्रयोग

कुंभ के मेले की निगरानी भी इस बार इसी यंत्र के माध्यम से की गई थी। बड़े-बड़े इवेंट में अब अधिकारी इस यंत्र के माध्यम से निगरानी रखते हैं।

आसमान में क्या चल रहा है

जिस समय ड्रोन ऊपर की ओर से चल रहा था, तो सभी की निगाहें आसमां पर टिकी रहीं। इस दौरान लोगों में सोच में पड़ गए आखिर ये क्या है।