RANCHI: हीमोफीलिया पेशेंट्स की लाइफ सेविंग के लिए दिए जाने वाले इंजेक्शन फैक्टर का सैंपल कलेक्ट करने ड्रग इंस्पेक्टर्स की टीम सोमवार को रिम्स पहुंची। टीम में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर प्रतिभा झा व शैल अंबष्ठ ने स्टोर में जाकर फैक्टर का सैंपल कलेक्ट किया। साथ ही दवा सप्लाई की पूरी डिटेल भी खंगाली। प्रतिभा झा ने बताया कि इस सैंपल की रिपोर्ट डिपार्टमेंट में भेजी जाएगी। वहीं, सैपल को टेस्ट के लिए भेजने में करीब सवा लाख रुपए खर्च आएगा। चूंकि फैक्टर की सप्लाई फॉरेन कंपनी कर रही है। इस पर डायरेक्टर डॉ। बीएल शेरवाल ने कहा कि सैंपल टेस्ट के लिए जो भी खर्च आएगा, उसके लिए रिम्स मैनेजमेंट तैयार है। मरीजों की जान के साथ खिलावड़ नहीं किया जा सकता है।

सप्लाई में गड़बड़ी की हुई थी कंप्लेन

पिछले हफ्ते रिम्स में फैक्टर 8 की दवा का कवर किसी और कंपनी का और अंदर दवा कुछ और की कंप्लेन हीमोफीलिया सोसायटी झारखंड चैप्टर के सेक्रेटरी संतोष कुमार जायसवाल ने डायरेक्टर को पत्र लिखकर की थी। इसमें उन्होंने मामले की जांच करते हुए कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की भी अपील की थी। उन्होंने लिखा है कि फैक्टर 8-भ्00 यू की सप्लाई रिम्स में की जा रही है। जिसके पैकेट पर बाक्साल्टा लिखा है। जबकि पैकेट में वायल पर बैक्स्टर कंपनी का लेबल है। इसके अलावा दवा की खरीदारी में अनियमितता को लेकर डायरेक्टर के अलावा, ड्रग कंट्रोलर झारखंड, हेल्थ मिनिस्टर के ओएसडी, रिम्स सुपरिटेंडेंट और डीआइसी झरखंड सरकार को भी लेटर लिखा था।