-मेडिकल कॉलेज में ड्रग रजिस्टेंट टीबी सेंटर का उद्घाटन

- अब नहींजाना होगा लखनऊ और दिल्ली, सिटी में ही होगा इलाज

GORAKHPUR: टीबी का एडवांस स्टेज रजिस्टेंट टीबी जितना खतरनाक है उसका इलाज भी उतना ही महंगा। रजिस्टेंट टीबी के इलाज के लिए अभी तक सिटी में सुविधा नहीं थी। इलाज के लिए पेशेंट को लखनऊ और दिल्ली जाना पड़ता था। सिटी में पहले ड्रग रजिस्टेंट टीबी सेंटर (डीआरटीसी) का उद्घाटन सैटर्डे को हुआ। इस सेंटर के चालू होने से अब पेशेंट को मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा मिल सकेगी।

नहीं कम हो रहे पेशेंट्स

टीब को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका। डॉट सेंटर को अपडेट करने के बाद भी सिटी में हर साल फ् से म् प्रतिशत पेशेंट टीबी के होते हैं। टीबी के साथ ड्रग रजिस्टेंट टीबी पेशेंट भी बढ़ रहे हैं। इसमें हर साल क्ख् से क्फ् प्रतिशत मरीज बढ़ रहे हैं। अभी तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रजिस्टेंट टीबी के इलाज की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब ड्रग रजिस्टेंट सेंटर के शुरू होने के बाद पेशेंट को इलाज के लिए सिटी के बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

सेंटर में मिलेगी इलाज की सुविधा

ड्रग रजिस्टेंट सेंटर के चालू होने से अब मरीजों को भर्ती करके इलाज की व्यवस्था की जा सकती है। सेंटर के नोडल इंचार्ज डॉ। रत्नेश तिवारी ने बताया कि अभी जांच की सुविधा केवल बस्ती में है। वहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद सेंटर मे मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाएगा। सेंटर के उद्घाटन मौके पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। के.पी कुशवाहा, मुख्य अतिथि कानपुर मेडिकल कॉलेज के टीबी और चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। सुधीर गुप्ता, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एचओडी डॉ। एच.एन चौधरी समेत मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स उपस्थित थे।

वर्जन-

पहले ड्रग रजिस्टेंट टीबी के इलाज के लिए पेशेंट को लखनऊ और दिल्ली जाना पड़ता था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सेंटर के शुरू होने से अब मरीजों का यहीं इलाज होगा।

डॉ। रत्नेश तिवारी, नोडल इंचार्ज ड्रग रजिस्टेंट सेंटर