-एसटीएफ ने मास्टमाइंड समेत 4 तस्करों को 86 किलो चरस के साथ किया गिरफ्तार

BAREILLY: बरेली एसटीएफ ने जब चरस तस्करों पर लगाम लगाना शुरू किया तो मास्टर माइंड संजय ने एसटीएफ को ही चैलेंज कर दिया। वह अपने गुर्गो से बोला कि देखता हूं कि कौन मुझे पकड़ता है। वह अपने साथी के साथ नेपाल बॉर्डर से मार्शल गाड़ी में चरस लेकर रवाना हो गया, लेकिन एसटीएफ के जाल में फंस गया। एसटीएफ ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर मास्टरमाइंड समेत 4 तस्करों को 86 किलो चरस के साथ गिरफ्तार कर लिया है। चरस की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 86 लाख रुपए है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मास्टरमाइंड तक एसटीएफ के न पहुंच पाने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

ढाबे के पास होनी थी सप्लाई

एसटीएफ बरेली प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि नेपाल बॉर्डर महाराजगंज से सोनौली होते हुए रामपुर में चरस की सप्लाई की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर फतेहगंज पश्चिमी में सिंह ढाबा के पास ट्रैप कर लिया गया। यहां पर बाइक से दो युवक किसी का वेट करते हुए नजर आए। इसी दौरान मार्शल गाड़ी आकर रुकी तो मुखबिर की सूचना के आधार पर दबिश देकर मौके से अखिलेश और संजय को गिरफ्तार कर लिया। बाइक पर आए युवकों की पहचान रामपुर निवासी मुख्तर खां और इमरान के रूप में हुई है। मार्शल की सीलिंग में दो लाइट लगाकर कैविटी बनाकर चरस के 86 पैकेट को छिपाया गया था।

नक्सली एरिया से हो रही थी सप्लाई

पूछताछ में सामने आया कि अखिलेश अपनी मार्शल गाड़ी से उमाशंकर, हरि और सुरेंद्र सिंह की चरस को रामपुर, मुजफ्फरनगर व शामली में पहुंचाता था। चरस को नेपाल के नक्सली एरिया से लाकर रात के अंधेरे में लोड कर भारत में सप्लाई के लिए भेजा जाता है। पूछताछ में मुख्तर ने बताया कि वह नेपाल के सुरेंद्र सिंह को चरस मंगाने का ऑर्डर देता था। अखिलेश सिंह मार्शल गाड़ी से नेपाल बॉर्डर पर पहुंचता था। वहां से सुरेंद्र अखिलेश की गाड़ी को लेकर नेपाल ले जाता था और वहां पर चरस कैविटी में भर दी जाती थी।