-सिर्फ कोरियर ही पकड़े जा रहे, लगातार पकड़ी जा रही खेप

-नेपाल से अलग-अलग तरह की कैविटी बनाकर चल रहा धंधा

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: नेपाल से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में ड्रग तस्करी हो रही है। ड्रग तस्करी के कैरियर ही पकड़े जा रहे हैं, लेकिन किंगपिन (सरगना) तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। एसटीएफ ने कई बार बड़ी खेप पकड़ी है, लेकिन न तो नेपाल से माल सप्लाई करने वाले और न ही माल लेने वाले को पकड़ सकी है। ऐसे में, पुलिस पूरी तरह से ड्रग तस्करी नहीं रोक पा रही है।

हर बार नई जगह कैविटी

नेपाल से ड्रग तस्करी वाहनों में कैविटी बनाकर की जाती है। अभी तक एसटीएफ ने जितने भी मामले पकड़े हैं उनमें कैविटी में ही ड्रग को छिपाया गया था। कभी ट्रक के डीजल टैंक में कैविटी, कभी बोलेरो की सीलिंग में कैविटी, तो कभी फोर व्हीलर की फर्श तो कभी छत पर कैविटी बनाई मिली। कैविटी बनाने का मकसद साफ होता है कि किसी को शक न हो कि इसके जरिए ड्रग की सप्लाई हो रही है।

इन मामलों में नहीं पकड़े गए मास्टरमाइंड

केस 1-

30 मार्च को एसटीएफ ने फतेहगंज पश्चिमी में बोलेरो की सीलिंग में कैविटी बनाकर ले जाई जा रही डेढ़ करोड़ की चरस पकड़ी थी। मौके से मीरापुर मुजफ्फरनगर निवासी नितिन, महबूब और उसकी पत्‍‌नी शहनाज को पकड़ा था। चरस को नेपाल बॉर्डर पर महराजगंज में संजय ने लोड किया था। इसकी मीरापुर में अमित धारीवाल को सप्लाई होनी थी, लेकिन चार दिन बाद इनकी भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

केस 2-

एसटीएफ ने बड़ा बाईपास पर इंडिका कार से 38 लाख की चरस बरामद की थी। मौके से हरियाणा निवासी सुनील और वीरेंद्र को गिरफ्तार किया गया था। नेपाल में शिवा से चरस लेकर आते थे और रामपुर में गुड्डू को सप्लाई करना था। न तो शिवा और न ही गुड्डू को पकड़ा जा सका है।

केस 3-

26 अक्टूबर 2016 को एसटीएफ ने बदायूं रोड पर 470 किलो डोडा पोस्त पकड़ा था। मौके से हसीब और दुर्गेश को गिरफ्तार किया गया था। डोडा को झारखंड के नक्सली एरिया से नारियल के बहाने लेकर आया गया था। डोडा की सप्लाई बदायूं में अनीस व दुर्गेश को होनी थी। इस मामले में अनीस और दुर्गेश की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

केस 4-

25 दिसंबर 2016 को एसटीएफ ने परसाखेड़ा जीरो प्वाइंट पर डीजल टैंक में कैविटी बनाकर सप्लाई हो रही 76 लाख की चरस बरामद की। चरस को डीजल टैंक में कैविटी बनाकर सप्लाई किया जा रहा था। मौके से ट्रक मालिक मुकरिन और दानिश को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कैरेना शामली में भूरे व कयूम को चरस सप्लाई करनी थी और वह नेपाल बार्डर के सिद्धार्थनगर डिस्ट्रिक्ट से उमाशंकर से माल लाए थे। अभी तक भूरे, कय्यूम और उमाशंकर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।