उनका कहना है कि ब्रह्मांड में पहले से मौजूद किसी संरचना की ये सबसे बड़ी कॉपी होगी।

इस शहर की स्थापना के दौरान शोधकर्ता अलग-अलग अनुभव हासिल करेंगे, जिसमें मंगल ग्रह पर जीवन के लिए ज़रूरी भोजन, पानी और ऊर्जा का अनुभव भी शामिल है।

यह परियोजना दुबई की 'मंगल 2117 प्रोजेक्ट' का हिस्सा है, जिसके तहत मानव आबादी अगले सौ वर्षों के दौरान मंगल में बसाई जानी है।

अब दुबई जितनी दूर रह जाएगा मंगल ग्रह!

संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में सालाना बैठक के दौरान में हाल ही में मार्स साइंस सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी।

इस शहर में मॉडर्न लैब मंगल ग्रह के ज़मीनी हालात और कठोर मौसम के मद्देनज़र बनाए जाएंगे।

दुबई की मार्स सिटी में एक संग्रहालय भी होगा, जो अंतरिक्ष की दुनिया में हासिल की गई उपलब्धियों को पेश किया जाएगा।

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इस संग्रहालय की दीवारों को थ्री-डी प्रिंटर की मदद से तैयार किया जाएगा और संयुक्त अरब अमीरात के रेगिस्तान से लाई गई का इस्तेमाल किया जाएगा।

इस शहर के डिजाइनरों का कहना है कि मार्स सिटी में हासिल जीवन के अनुभव की पर्यावरण और भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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