RANCHI: रातू रोड कब्रिस्तान के सामने की सड़क इस बारिश बचेगी कि हर साल की तरह जलमग्न हो जाएगी। इसपर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा। विगत दो दिनों पहले हुई बारिश ने नगर निगम और रोड डिवीजन दोनों की पोल खोलकर रख दी है। सड़क पर भयंकर वाटरलॉगिंग हो गई, जिसके कारण आवागमन पूरी तरह ठप सा हो गया। लोगों का पैदल तो क्या वाहनों से भी चलना मुश्किल था। ऐसे में जब मानसून 28 मई को पूर्वानुमान के अनुसार दस्तक दे देता है तो रातू रोड में पैदा होने वाली भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। हर साल की तरह इस बार भी लोग परेशान हैं और पिछले तीन सालों से इस तमाशे का दंश झेल रहे हैं। नालियां भी बरसात के दौरान जाम हो जाती हैं जिसके कारण पानी के बाहर निकलने में काफी समय लगता है।

दहशत में स्कूली बच्चे व व्यवसायी

वाटरलॉगिंग की स्थिति इतनी विकराल है कि बारिश से पहले स्कूली बच्चों से लेकर व्यवसायियों तक में दहशत बनी रहती है। बच्चों की स्कूल बसें घंटों पानी के कारण लगने वाले जाम में फंसी रहती हैं, जिसके कारण वे लोग हर दिन घंटे भर लेट से घर पहुंचते हैं। स्कूल जाने से पहले भी यदि भारी बारिश हो गयी तो स्कूल भी समय पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है और कई स्कूलों की बस काफी देर से स्कूल पहुंच पाती हैं। इधर, यही खौफ वहां से गुजरने वाले लोगों और व्यवसायियों में भी रहता है। लोग डरे रहते हैं कि बरसात में तो सड़क पार करना दूभर हो जाता है इसमें व्यवसाय कैसे चलेगा। इस मामले में कई बार नगर निगम को शिकायत की गई है, लेकिन ढाक के तीन पात ही रहा है।

नालियांबनने के बाद हालत खस्ता (बॉक्स)

सरकार ने नालियां तो बनवा दी हैं, लेकिन ठेकेदार व इंजीनियर ने उसकी गुणवत्ता और भौगोलिक स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया। नालियां बनाने में दोनों साइड की ऊंची जमीन को काटा नहीं गया जिसके कारण नालियों से पानी आसानी से गुजर नहीं पाता और जाम हो जाता है। पानी बाहर निकलकर गिरने लगता है। सड़क की ऊंचाई भी कई स्थानों पर नालियों से नीची रह गई है। इससे सड़क से नाली में पानी का बहाव आसानी से नहीं हो पाता है।

दुकानों में घुसता है गंदा पानी (बॉक्स)

कब्रिस्तान के सामने रिहायशी इलाका है और साथ ही रातू रोड होने के कारण पूरी तरह व्यावसायिक इस्तेमाल में भी है। सड़क की एक तरफ कब्रिस्तान की दीवार है तो दूसरी तरफ दुकानों की लंबी लाइन है। इन दुकानों में बुरी तरह पानी घुस जाता है जिसके कारण व्यवसाय ठप्प होने के कगार पर पहुंच जाता है।

क्या कहती है पब्लिक

बरसात में व्यवसाय चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। इस स्थान के पास से गुजरने में भी घंटों लग जाते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। सड़क पर पानी घुटने तक बहने लगता है और यदि इसमें कोई वाहन फंस जाए तो समझ लीजिए कि फिर यहां से निकलने में 3-4 घंटे लग जाएंगे।

नरोत्तम तिवारी, व्यवसायी

बारिश में बहुत दिक्कत होती है यहां से गुजरने में। परिवार को लेकर तो पार भी नहीं कर पाते न ही दुकानदारी कर सकते हैं। पानी दुकान के भीतर तक घुसता रहता है। बच्चा लोग को बहुत तकलीफ हो जाती है।

रणधीर पाल, स्थानीय निवासी

वर्जन

कई इलाकों से इस तरह की शिकायतें मिली हैं। संबंधित विभाग को भी इस बार इसपर गंभीरता से काम करने के लिए नगर आयुक्त ने निर्देश दिए हैं। तैयारी की जा रही है कि इस तरह की स्थिति न हो पाए।

-नरेश सिन्हा, पीआरओ, रांची नगर निगम