नहीं है hygiene की चिंता
हॉस्पिटल के बीचो बीच जमा गंदगी का अंबार बरसात की वजह से बीमारियों का घर बन चुका है। वार्ड के अंदर फैली गंदगी के आस-पास चूहों का बसेरा है, कैंपस के अंदर कुत्तों ने मानो अपना परमानेंट ठिकाना बना लिया हो, ये है एमजीएम हॉस्पिटल की सफाई और हायजिन की व्यवस्था। हॉस्पिटल कैंपस में जगह-जगह सीरिंज, बैैंडेज जैसे मेडिकल वेस्ट और पेशेंट्स द्वारा छोड़ी गई गंदगी पड़ी मिलती है। कई लोग तो कैंपस के अंदर खुले में शौच करते भी दिख जाते हैं। ट्रीटमेंट के लिए आने वाले पेशेंट्स और आम लोगों को भले ही इस गंदगी से परेशानी होती हो पर हॉस्पिटल मैनजमेंट को इससे कोई खास फर्क पड़ता दिखाई नहीं देता।

ये लापरवाही है खतरनाक
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर वक्त वल्र्ड में करीब 1.4 मिलीयन लोग ट्रीटमेंट के दौरान हॉस्पिटल में होने वाले इंफेक्शन्स के शिकार होते हैं। इन इंफेक्शन की एक बड़ी वजह प्रॉपर हायजिन और साफ-सफाई की व्यवस्था का न होना है। डॉक्टर्स बताते हैैं कि हॉस्पिटल में आने वाले पेशेंट का इम्यूनिटी लेवल काफी कम रहता है। ट्रीटमेंट के दौरान उन्हें कई तरह के मेडिकल एग्जामिनेशन्स और ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है। ऐसे पेशेंट्स में हॉस्पिटल के इंवॉयरमेंट में मौजूद माइक्रोऑर्गेनिज्म से इंफेक्टेड होने का काफी खतरा रहता है। इससे बचने के लिए किसी तरह के इंफेक्शन सोर्स को हॉस्पिटल से दूर रखने और ट्रांसमिशन रूट को कट ऑफ करने की सलाह दी जाती है पर एमजीएम में ऐसी कोई एहतियात दिखाई नहीं देती।

अब इन्हें भी आजमा लें
हाल में त्रिदेव इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी को साफ-सफाई के लिए सलाना 48 लाख रुपए का कांट्रैक्ट दिया गया है। हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि एजेंसी द्वारा सफाई के लिए 49 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। एजेंसी ने सैटरडे को सफाई का जिम्मा संभाला है। जल्द व्यवस्था दुरुस्त होने की संभावना है।

'कांट्रैक्टर ने सफाई का काम स्टार्ट कर दिया है। ठीक हो जाएगी व्यवस्था.'
-डॉ शिव शंकर प्रसाद, सुपरिंटेंडेंट एमजीएम हॉस्पिटल

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in