धुएं का छल्ले में उड़ता रहे कायदा
नियमानुसार जंक्शन पर स्मोकिंग प्रोहिबिटेड है। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही ने प्लेटफार्म नंबर 6-7 पर चिलम के धुएं में नियमों का छल्ला बनाकर उड़ा दिया। नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों में न सिर्फ यूपी पुलिस के इस 'फरमाबदारÓ सिपाही का साथ दो और लोग दे रहे थे। सिपाही  के दिमाग में जब चिलम का धुंआ चढ़ा तो उसे सब गैरमामूली नजर आने लगे। हद तो तब हो गई जब उसने पुलिस के आला अफसरों को गंदी गालियां दी। यहां तक कि उसने अधिकारियों को देख लेने की धमकी भी दी। उसकी इस हरकत को जब आई नेक्स्ट टीम ने अपने कैमरे में कैद करना शुरू किया तो उस वर्दीधारी सिपाही ने कैमरा मैन और रिपोर्टर के साथ बदसलूकी की। जब उन्होंने उसे बताया कि जो वह कह और कर रहा वह गलत है तो उसका दो टूक जवाब था 'मेरी मर्जीÓ.  जब वर्दीधारी सिपाही ही पब्लिक प्लेस पर चिलम फूंकेगा तो पब्लिक को कौन रोकेगा। क्या होगा वर्दी की मर्यादा और उसके मान का।

स्टाफ का मामला जो था
मामले की जानकारी आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जीआरपी के एसएसआई अमरजीत सिंह को दी, लेकिन मौके पर पहुंची जीआरपी ने उस सिपाही से न तो उसका नाम, पता और पोस्टिंग पूछी और ना ही उसकी तहकीकात की। बल्कि उसे वहां से भगा दिया। वह सिर्फ इसलिए कि मामला स्टाफ का था। मामला ज्यादा तूल पकड़ता तो पुलिस डिपार्टमेंट की बदनामी होती।

प्लेटफार्म 6-7 बना स्मोकिंग जोन
सोर्सेज की माने तो प्लेटफार्म नंबर 6-7 पर स्मोकिंग जंक्शन बन गया है। चाहे वह आम यात्री हो या फिर पुलिस। कई बार तो यह भी देखने में आया है कि स्टेशन कैंपस में ध्रूमपान के शौकीन फॉरेनर या फिर रेलवे के आला अफसर ऑफिस में बैठे स्मोकिंग करते हैं।

क्या है नियम
अगर कोई व्यक्ति स्टेशन परिसर में स्मोकिंग करता है। उसके खिलाफ चालान काटा जाता है। इसके अलावा उसके पास अगर टिकट नहीं है और अनाधिकृत रूप से जंक्शन पर है तो भी उस पर एक्शन लिया जा सकता है।

अगर कोई भी स्टेशन परिसर में ध्रूमपान करता है तो यह बिलकुल गलत है। अगर कोई सिपाही ऐसा करता है तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए।
सारिका मोहन, सीनियर कमांडेंट, लखनऊ डिवीजन, एनई रेलवे

 

report by : amarendra.pandey@inext.co.in