-स्वच्छता अभियान को साकार बनाने की पहल को किया शर्मिन्दा

BAREILLY

सैटेलाइट बस स्टैंड से बैरियर नंबर दो तक सात किमी लम्बा बाईपास शहर का नया डंपिंग ग्राउंड बन गया है। बाईपास के किनारे जगह-जगह कूडे़ का अम्बार लगा है। जहां, इस रोड पर स्थित 8 प्राइवेट हॉस्पिटल और 12 बैंक्वेट हॉल अपना कूड़ा कचरा फेंकते हैं। इसके अलावा नगर निगम के सफाईकर्मी भी कूड़े को बाकरगंज ट्रेंचिंग ग्राउंड में फेंकने की बजाय यहीं सड़क किनारे फेंक देते हैं। नतीजा यह है कि बरेली के नये शहर के रूप में विकसित हो रहा यह हिस्सा नया ट्रेंचिंग ग्राउंड बन गया है।

फैक्ट फाइल पीलीभीत बाईपास

07 किमी - कुल लंबाई

08- प्राइवेट हॉस्पिटल

12 - बैंक्वेट हॉल

20 - ज्यादा आवासीय कॉलोनी

बायोमेडिकल वेस्ट का ढेर

प्राइवेट हॉस्पिटल सॉलिड वेस्ट के अलावा अपना बायो मेडिकल वेस्ट भी इस रोड के किनारे फेंक देते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इंसीनरेटर एजेंसी को जिम्मेदारी दे रखी है, लेकिन ज्यादातर हॉस्पिटल अपना बायो मेडिकल वेस्ट एजेंसी को नहीं देते हैं। कई बार एजेंसी भी कूड़े का निस्तारण करने की बजाय उसे सड़क किनारे फेंक जाती है।

अवैध पशुओं का डपिंग

पीलीभीत बाईपास पर कचरा का ढेर ही नहीं मृत पशुओं को फेंकने का भी ठिकाना बना गया हैं। मृत पशुओं की खाल उतारने के बाद कुछ लोग उनकी बॉडी यूनिवर्सिटी के पीछे फेंक जाते हैं, जिससे उठ रही दुर्गध के चलते लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। जानवरों का मांस खाने के चक्कर में अक्सर कुत्तों का झुंड घूमता रहता है, जो सड़क पर रोड एक्सीडेंट की वजह भी बनते हैं।

जूठी प्लेटें सड़क पर

बाईपास स्थित बैंक्वेट हॉल ओनर शादी-विवाह समारोह के बाद जूठी प्लेट और सारा कचरा नगर निगम से उठवाने की बजाय सड़क किनारे डम्प कर देते हैं। हॉल में जब किसी भी कार्य का समापन किया जाता है। तो वहां से निकलने वाला सारा कचरा बाइपास के किनारे डलवा दिया जा रहा है। नगर निगम ने इन बैंकट हॉल को पूरी तरह सो छूट दे रखी है कि हॉल से निकलने वाले वेस्ट को बाईपास के किनारे आसानी से ड़ाल दें।

कॉलोनियों का वेस्ट

कॉलोनियों का कूड़ा सड़क किनारे फेंकने का काम डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली कंपनी के कर्मचारी कर रहे हैं, जो डीजल चोरी करने के फेर में कूड़ा को बाकरगंज फेंकने की बजाय पीलीभीत बाईपास पर ही फेंक देते हैं। नगर निगम के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही इसकी बड़ी वजह है। सड़क किनारे भारी मात्रा में कूड़ा फेंके जाने को अधिकारियों ने कभी संज्ञान में नहीं लिया।