- बोनस देने के नाम पर ठगी करने वाला गैंग दबोचा

- पुलिस ने पकड़े छह आरोपी, सरगना समेत दो फरार

- दो ठग इंडियन इनफोलाइन में कर चुके हैं काम, तीन बीसीए पास

- फर्जी वोटर आईडी, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड बरामद किए

Meerut: कोई बीसीए पास तो कोई ग्रेजुएट, लेकिन नौकरी करने की बजाय करोड़पति बनने की इच्छा में ठग बनकर जरायम की दुनिया में कदम रख दिया। जी हां, पीएनबी मेट लाइफ इंश्योरेंस के पॉलिसी धारकों को बोनस का लालच देकर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मास्टर माइंड समेत दो फरार चल रहे हैं। पुलिस ने फर्जी वोटर आईडी कार्ड, पीएनबी की पासबुक, एटीएम डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, नौ मोबाइल और कार बरामद की है। फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। बताया जा रहा है कि गैंग करोड़ो रुपयों की चपत पॉलिसी धारकों से लगा चुका है।

लोगों को किया कंगाल

एसएसपी सुभाष सिंह बघेल ने बताया कि यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, केरल समेत तमाम राज्यों में गैंग सक्रिय था। जो ठगी की वारदात को विश्वास में लेकर अंजाम दे रहा था। सबसे पहले ठगी केरल के पॉलिसी धारक से हुई। ठगे जाने के बाद पॉलिसी धारक ने समझदारी का परिचय देते हुए केरल में पुलिस स्टेशन पर शिकायत की। जिसके बाद मेटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर सर्वेश कुमार त्यागी से शिकायत की। उसके बाद उन्होंने खरखौदा थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया। एसपी क्राइम अरविंद पांडे और सीओ क्राइम मनीष मिश्रा ने जांच पड़ताल की तो मामले से पर्दाफाश हुआ।

ये पकड़े गए

पुलिस ने इस मामले में सचिन शर्मा निवासी चंद्र लोक कालोनी मोदीनगर रोड हापुड़, राजा उर्फ हेमेंद्र निवासी ग्राम चमरी हापुड़, रॉकी निवासी चमरी हापुड़, मोनू कुमार, नीरज निवासी घूकना गाजियाबाद, सागर निवासी छजुपुर गांव व वर्तमान पता पंचवटी कालोनी गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि हापुड़ के रहने वाला सरगना अमित मलिक और सुनील फरार चल रहे हैं। राजा, रॉकी और नीरज बीसीए पास हैं।

ऐसे संपर्क में आए ठग

एसएसपी ने बताया कि सचिन शर्मा इंडियन इनफोलाइन, सेक्टर म्ख् नोएडा में रहने वाले अपने साथी टीएसओ सुनील चौधरी के साथ टेली कॉलर का काम करता था। बाद में हापुड़ में रॉकी उर्फ पंकज के धर्मकांटे पर आकर काम करने लगे। धर्मकांटे पर राजा आता जाता था। इसी दौरान राजा व रॉकी के साथ मिलकर इंश्योरेंस कंपनी का काम करने की योजना बनाई। जिसमें राजा ने फर्जी नाम और पते पर एकाउंट खरखौदा स्थित पीएनबी बैंक में खुलवा दिया और बैक की पासबुक व एटीएम सचिन को लाकर दे दिया। इसके बाद इन सबने अपने दोस्त मनी उर्फ मोनू कुमार व नीरज कुमार के साथ मिलकर नोएडा सेक्टर म्फ् में ऑफिस खोल लिया। मेट लाइफ का डाटा सुनील चौधरी और अमित मलिक के माध्यम से प्राप्त हुआ।

ऐसे की ठगी

अमित मलिक गिरोह का सरगना है। जो बीसीए पास है और अंग्रेजी भी काफी अच्छी है। जो किसी को भी अपनी बातों में फंसाकर ठगी कर लेता था। किस तरह कस्टमर से बात करनी है यह सब बातें सचिन और पूरे गिरोह के सदस्यों को बताता था। जिसके बाद ठगी की वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया। एसएसपी ने बताया कि मेट लाइफ पॉलिसी धारक को कॉल करके गिरोह के सदस्य बोनस का लालच देकर उससे तरह-तरह के शुल्क वसूल लिया करते थे। यह शुल्क हापुड़ स्थित एक्सिस बैंक के फर्जी एकाउंट में डलवाया करते थे।

बड़ा नेटवर्क

इसके अलावा पीएनबी की खरखौदा शाखा में खुले फर्जी एकाउंट में भी राशि डलवाया करते थे। केरल के धारक ने तरह-तरह का शुल्क करके साढ़े तीन लाख रुपये एकाउंट में डलवाया था, जिसको ठगों ने अकाउंट में आने के बाद निकाल लिया। ठग पैसा निकालने के बाद फोन नंबर बंद कर दिया करते थे। एसएसपी ने बताया कि अमित मलिक शातिर गिरोह का सरगना है। इन छह सदस्यों के अलावा भी गुड़गांव, दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अलग टीम भी कार्य कर रही हैं। ठगों के पास से दो कार, नौ मोबाइल, क्फ् डेबिट कार्ड, तीन पैन कार्ड, मेटलाइफ पॉलिसी धारकों की सूची एवं कॉलिंग विवरण की डायरी बरामद की गई है।

बैंक की मिलीभगत

सीओ क्राइम मनीष मिश्रा ने बताया कि पूरे गैंग का पर्दाफाश हो गया है। इस पूरे मामले में बैंक के किसी कर्मचारी की मिलीभगत सामने आ रही है। जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है कि आखिर कहां से मेटलाइफ इंश्योरेंस का डाटा कहां से प्राप्त हुआ है। सीओ का कहना है कि इसकी जांच पड़ताल कर बैंक कर्मी को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।