-बोर्ड परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई
-स्कूल प्रिंसिपल, केंद्र व्यवस्थापक और साल्वर को किया अरेस्ट
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: उरुवा एरिया के अराव जगदीशपुर स्थित श्रीमती राजकली सिंह इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा के पेपर व्हाट्सअप के जरिए साल्व कराए जा रहे थे। विद्यालय में छात्रों का पेपर साल्व कराए जाने की सूचना पर पुलिस ने शनिवार को कार्रवाई की। स्कूल के पास मेडिकल स्टोर्स में फिजिक्स के पेपर साल्व करते हुए साल्वर को अरेस्ट कर पुलिस ने मामले का भंडाफोड़ किया। पुलिस का कहना है कि 10 हजार से 15 हजार रुपए में छात्रों को उत्तर उपलब्ध कराने का ठेका लिया गया था। विद्यालय के स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए थे। स्कूल के प्रबंधक, केंद्र व्यवस्थापक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस चार अन्य लोगों की तलाश में लगी है।
विद्यालय में नकल कराए जाने के मामले में लेखपाल आनंदेश्वर यादव और अजय पाठक के भूमिका की जांच कराई जा रही है। पकड़े गए लोगों ने पुलिस को बताया है कि सेंटर पर बीडीओ भी एक से दो घंटे तक बैठते थे। डीआईओएस ने विभागीय जांच के बाद केंद्र व्यवस्थापक को बदल दिया है और परीक्षा केंद्र को डिबार करने के लिए बोर्ड को पत्र लिखा है।
मोबाइल से पेपर भेजता था बाबू
अराव जगदीशपुर के श्रीमती राजकली सिंह इंटर कालेज उरुवा बाजार में व्हाट्सअप से पेपर बाहर भेजकर साल्व कराए जाने की सूचना एसएसपी को मिली। किसी ने बताया कि स्कूल का बाबू मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर को साल्वर गंगेश के मोबाइल पर भेज दिया है। इंटर कॉलेज के पास कैलाश सिंह के मेडिकल स्टोर्स में बैठकर पेपर साल्व कराया जाता है। सूचना पर एसएसपी ने टीम लगाकर जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस ने साल्वर गंगेश गिरी को पकड़ा तो उसके मोबाइल में फिजिक्स सहित कई प्रश्नपत्र मिले। उसने पुलिस को बताया कि स्ट्रांग रूम में जहां पर्चा खोला जाता है। वहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। स्कूल प्रबंधक और केंद्र व्यवस्था के कहने पर स्कूल का बड़े बाबू अखिलेश चौधरी पेपर खुलते ही साल्वर के पास मोबाइल से भेज देता है। फिर उसे बाहर से साल्व कराकर कापियों में लगवा दिया जाता है। इस जानकारी पर पुलिस ने साल्वर सुभाष सिंह को पकड़ा तो उसके मोबाइल से छह सवालों के जवाब मिले। तब विद्यालय के प्रिंसिपल भारत भूषण सिंह के घर की तलाशी ली गई। प्रिंसिपल के घर से पुलिस ने इंटरमीडिएट की छह सौ सादी उत्तर पुस्तिकाएं बरामद हुई। इससे पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने केंद्र व्यवस्था उरुवा निवासी पंकज सिंह को भी पकड़ लिया। पूछताछ में सामने आया कि सभी लोग मिलकर परीक्षा में नकल का ठेका लेते थे। रुपए देने वाले बच्चों का पेपर साल्व कराया जाता था। इसके बदले में उनसे विषयवार पैसा वसूल किया जाता था। प्रबंधक के पास से एक डायरी मिली है जिसमें 10 हजार से 15 हजार रुपए के लेनदेन का हिसाब लिखा हुआ है। पुलिस मान रही है कि नकल कराने के बदले ली जाने वाली रकम का जिक्र है।
पूर्व जिला पंचायत सहित चार की तलाश
एसपी चारू निगम ने बताया कि कई साल से नकल का कारोबार चल रहा था। यह गैंग परीक्षा में नकल कराने के अलावा फर्जी मार्कशीट बनाने का काम भी करता है। प्रिंसिपल के घर में कई साल पुरानी मार्कशीट, कापियों और पेपर के बंडल मिले हैं। 2005 के मार्कशीट की स्कैन कापी मिली है। बरामद उत्तर पुस्तिकाओं में कोई रोल नंबर नहीं है। इस मामले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वजीत सिंह, एक अन्य साल्वर गंगेश गिरी, मेडिकल शॉप के मालिक कैलाश सिंह और स्कूल के बड़े बाबू अखिलेश चौधरी की तलाश पुलिस कर रही है। इनके अलावा दो लेखपालों और डीआईओएस आफिस के कर्मचारियों की भूमिका की जांच चल रही है। एसपी ने बताया कि पकड़ा गया केंद्र व्यवस्था पंकज सिंह उसी स्कूल में मैथ का टीचर है।
यह सामग्री हुई बरामद
इंटरमीडिएट की सादी उत्तर पुस्तिकाएं छह सौ
वर्ष 2013-14 के कक्षा नौ के अर्द्धनिर्मित 69 कापियां
हाई स्कूल की मार्कशीट 35
इंटर मीडिएट की मार्कशीट 34
विभिन्न साल के इंटरमीडिएट की सनद 11
वर्ष 2018, 2017 और 2016 के भौतिक विज्ञान, हिंदी और मैथ्स के पेपर 11
हल किया हुआ पेपर एक
पाकेट डायरी जिसमें छात्रों का नाम, एकाउंट नंबर सहित कई डिटेल
स्कूल प्रबंधक की रिवाल्वर, पांच कारतूस
छह मोबाइल फोन
इनको किया गिरफ्तार
प्रिंसिपल भारत भूषण सिंह
केंद्र व्यवस्थापक पंकज सिंह
टीचर सुभाष सिंह
इनकी चल रही तलाश
पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वजीत सिंह
साल्वर गंगेश गिरी
मेडिकल शॉप संचालक कैलाश सिंह
बड़े बाबू अविनाश सिंह
अन्य अज्ञात 5-7 लोग
करीब 10 साल से गैंग काम कर रहा था। इसकी जांच चल रही है। व्हाट्सअप पर पेपर साल्व कराए जाने की सूचना पर कार्रवाई की गई। यह एक बड़ा रैकेट है। इसमें लेखपाल सहित अन्य लोगों की भूमिका की जांच जारी है।
चारू निगम, एसपी
केंद्र व्यवस्थापक को बदल दिया गया है। सेंटर को डिबार करने के लिए बोर्ड को पत्र लिखा गया है। मामला सामने आने पर इसकी जांच कराई गई है। उच्चधिकारियों को इस प्रकरण की जानकारी दी जा चुकी है।
ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया, डीआईओएस