बीएड 2004 से 10 तक के प्रभारियों से हुई पूछताछ

दो कर्मचारियों के फोन बंद, टीम को इनकी तलाश

आगरा। डीआईजी की टीम का खौफ डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में किस कदर तक हावी है। इसका उदाहरण शनिवार को दिखाई दिया। नीले रंग की गाड़ी जैसे ही यूनिवर्सिटी परिसर में रुकी, वैसे ही यूनिवर्सिटी के कर्मचारी कुर्सी विहीन हो गए। जब तक टीम के लोग अंदर पहुंचे तक तक कुर्सियां खाली हो चुकी थीं।

पिछले गेट से निकले कर्मचारी

डीआईजी की टीम को देखकर यूनिवर्सिटी में कार्यरत कर्मचारी पीछे के रास्ते से नौ दो ग्यारह हो गए। वहीं कुछ कर्मचारी अपनी कुर्सियों से खड़े होकर यहां वहां घूमने लगे ताकि उन्हें कोई पहचान न सके।

बीएड प्रभारियों से हुई पूछताछ

डीआईजी की टीम ने बीएड 2004 से 2010 तक के बीएड प्रभारियों से पूछताछ की। इतना ही नहीं टीम ने फर्जी मार्कशीट से चार्ट का मिलान किया। टीम ने सुनील वाष्र्णेय, विनोद यादव, तेजबहादुर सिंह जग्गी से पूछताछ की। इन तीनों कर्मचारियों पर बीएड का प्रभार रहा है। रजिस्ट्रार कार्यालय के अंदर टीम ने इनको बुलाया। घंटों तक टीम इनसे विभिन्न मामलों पर पूछताछ करती रही। वहीं दो अन्य प्रभारी शैलेन्द्र गुप्ता और रनवीर सिंह से भी टीम ने संपर्क किया, लेकिन दोनों के मोबाइल बंद थे और वह यूनिवर्सिटी से गायब रहे।

तीनों के चमक रहे सितारे

डीआईजी टीम के निशाने पर तीन बीएड प्रभारी हैं। उनमें से एक का ताजगंज में तीन सितारा होटल है। दूसरा कर्मचारी आनंद कॉलेज के बीएड फर्जी मामले में पहले से ही आरोपित रहा है। इन्हें कुलसचिव द्वारा पांच वर्ष तक किसी भी प्रकार की प्रोन्नति न होने की सजा भी दी है। वहीं एक कर्मचारी का रियलस्टेट में जोरों का दबदबा बताया जा रहा है।