Patna: दिवाली सीजन में नकली मसाला के बड़े कारोबार का खुलासा हुआ है। लकड़ी के पाउडर और अन्य खतरनाक केमिकल से तैयार मसालों का धंधा काफी दिनों से चल रहा था और जब इसकी शिकायत संबंधित कंपनी तक पहुंची तो शुक्रवार को मालसलामी थाना एरिया में छापेमारी कर तीन कमरे में चल रही फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ। इस खुलासे के बाद पटना में करोड़ों के नकली मसालों के कारोबार की आशंका जताई जा रही है। कंपनी प्रतिनिधि की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की। कारोबारियों की सक्रियता के साथ जिम्मेदारों की लापरवाही का भंडाफोड़ हुआ है।

 

मिलावटी सामानों का गढ़

पटना सिटी एरिया में मिलावट का बड़ा कारोबार होता है। ब्रांडेड कंपनी की पैकिंग तैयार कर उसमें नकली सामान पैक कर बेचा जाता है। कई बड़ी कंपनियों की पैकिंग में ऐसे-ऐसे सामान बेचे जाते हैं जो न सिर्फ संबंधित कंपनी की शाख प्रभावित करते हैं बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी खतरनाक है।

ब्रांडेड कंपनी के मसालों की बिक्री पर असर पड़ा, तो कंपनी के प्रतिनिधियों ने की इसके बाद नकली का खेल सामने लाया। पड़ताल के दौरान वह नकली सामानों की फैक्ट्री तक पहुंचे और बोरी दास की भट्ठी स्थित शाह बहोर की तकिया के विष्णुदेव गिरी के मकान पर रेड की।

 

पैकिंग पहचानना मुश्किल

मिलावट के कारोबारी ब्रांडेड कंपनियों का ऐसा रैपर यूज करते हैं कि इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। अच्छे क्वालिटी का पेपर और पैकिंग मशीन यूज करते हैं। रेड में भी पैकिंग मशीन, मसाला पैकिंग मशीन, ग्राइंडिंग मशीन, मसाला को मिक्स्ड करने की बॉल मशीन के साथ कई ऐसे सामान मिले हैं जिससे ब्रांडेड कंपनियों का डुप्लीकेट आसानी से तैयार किया जाता है।

 

सब्जी मसाला में खराब चावल

धनिया पाउडर - धनिया के थोड़े से पाउडर में घोड़े की गंदगी मिलाकर सेंट का प्रयोग किया जाता है।

सब्जी मसाला - सड़ा हुआ खराब चावल और आटे का चोकर तथा कुछ मसाले के साथ मसाला फ्लेवर मिलाया जाता है।

मीट मसाला - चावल, चोकर, कई तरह के सूखे पत्ते, केमिकल और मसाला फ्लेवर मिलाया जाता है।

लाल मिर्च - रंग और थोड़े मिर्च में केमिकल से बनाए गए पाउडर को मिलाकर रंग और फ्लेवर इस्तेमाल किया जाता है।

हल्दी पाउडर - इसमें पीला रंग, हल्दी फ्लेवर और पपीते का सूखा पत्ता मिलाया जाता है.

देख कर दंग रह गए पुलिस अफसर

-रेड में पुलिस ने सड़ा और खराब चावल और उसका आटा भी पाया।

-पीडीएस के चावल को पीस कर मिलावट का खेल किया जाता था।

-चोकर को भी रंग कर मिलावट के लिए रखा गया था।

-वजन में कम चढ़ने के लिए उसमें घोड़े के लीद को मिलाया जाता था.

-लकड़ी का कुन्नी (बुरादा) की भी मिलावट का भी खुलासा हुआ है।

 

मिलावट के सामान से तीन तरह से लोग परेशान हो रहे हैं। एक स्किन प्रॉब्लम के साथ इंचिंग और एलर्जी है। दूसरा पेट की बीमारी के साथ हार्ट व थर्ड थायरॉयड की बीमारी होती है।

-डॉ अजय सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर, एनएमसीएच