आशनाई के चलते जेल के एक अफसर पर घूमी शक की सुई

जांच में अफसर का नाम सामने लाने के मूड में पुलिस

kaushambi@inext.co.in

KAUSHAMBI: हत्या के आरोप में जेल में बंद दीपक पांडेय के फरारी के पीछे जेल के एक अफसर की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। अफसर का दीपक के परिवार की एक महिला से गहरा सम्बंध है। माना जा रहा है कि इसी दोस्ती के चलते अफसर के इशारे पर दीपक को जेल से घर भेजा गया था, लेकिन वह वहां से जेल आने के बजाय भाग निकला।

हत्या का आरोपी है दीपक

कौशांबी के हिसामबाद निवासी दीपक पांडेय हत्या के मामले में जेल गया है। गुरुवार को वह जिला अस्पताल आने के बहाने जेल से निकला था। दीपक को जेल के बंदी रक्षक सुनील गौड़ और अवधेश कुमार लेकर आए थे। प्लान के तहत दीपक को अस्पताल आना ही नहीं था। वह जेल से सीधे घर पहुंचा। दीपक ने कहा था कि वह घर जाएगा और वापस जेल आ जाएगा। लेकिन हुआ ठीक उल्टा। घर पहुंचने के बाद दीपक घर के पीछे से भाग निकला। इस मामले में बंदी रक्षकों को जेल हो चुकी है। दीपक भी गिरफ्तार हो चुका है। अब पता चला कि यह सारा खेल जेल के एक डिप्टी जेलर के इशारे पर हुआ है।

दीपक के परिवार से गहरा रिश्ता

डिप्टी जेलर का दीपक के परिवार की एक महिला से गहरा रिश्ता है। इसी रिश्ते के चक्कर में दीपक को जान बूझकर जेल से बाहर किया गया था। रहा सवाल बंदी रक्षकों का तो वह भी चंद पैसे की लालच में आ गए। बंदी रक्षकों को मात्र 35 सौ रुपया प्रत्येक को मिला था। 20 हजार रुपया घर में दीपक ने देने के लिए कहा था लेकिन वह बिना पैसा दिए ही फरार हो गया।

एक डिप्टी जेलर की भूमिका संदिग्ध मिली है। दीपक के बयान से भी इस बात के सुबूत मिल रहे हैं। मामले की जांच किया जा रहा है। अगर आरोप सच मिले तो उसे भी मुल्जिम बनाया जाएगा। दीपक के फरारी के पीछे जितने भी दोषी होंगे, सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वीके मिश्र, पुलिस अधीक्षक कौशांबी