RANCHI: सिटी में नवरात्रि के दौरान पूजन सामग्री का बाजार इस वर्ष ढाई करोड़ के आंकड़े को छू गया। पूजन सामग्री की खपत शहर के पूजा पंडालों और मंदिरों के अलावा बड़े पैमाने पर घरों में भी हुई। यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार पूजन सामग्री का बाजार 25 परसेंट ज्यादा हुआ।

अपर बाजार से ज्यादा खरीदारी

सिटी में वैसे तो हर इलाके में पूजन सामग्री की बिक्री के लिए दुकान खुल गई थीं, लेकिन अपर बाजार की पूजा दुकानों से सबसे ज्यादा खरीदारी हुई। यहां महावीर चौक से लेकर गांधी चौक तक करीब 30 बड़ी दुकानें और इतने ही छोटे दुकानदार व्यवसाय करते हैं।

ऐसे पहुंचा ढाई करोड़ का आंकड़ा

शहर में पूजन सामग्री के छोटे व्यवसायी करीब 200 हैं। नवरात्रि के दौरान महालया से लेकर दशमी तक हर दिन करीब 7 हजार रुपए का औसत कारोबार छोटे व्यवसायियों ने किया। शुरुआती आठ दिनों में यह आंकड़ा 1.12 करोड़ के आसपास पहुंचा था। इसके अलावा 30 बड़े व्यापारियों ने एक दिन में करीब 30 हजार रुपए का व्यवसाय किया। इस हिसाब से आठ दिनों का उनका कारोबार 72 लाख रुपए का पहुंच गया। इस प्रकार महालया से लेकर अष्टमी तक पूजन सामग्री के व्यवसाय का सम्मिलित आंकड़ा एक करोड़ 84 लाख तक पहुंचा। नवमीं और दसवीं का कारोबार करीब 70 लाख रुपए का रहा। कुल मिलाकर पूरे शहर में पूजन सामग्री का कारोबार ढाई करोड़ के आंकड़े को छू गया।

सुविधा के अनुसार हुई पूजा

सिटी में पूजन सामग्री खरीदने वालों की क्रय शक्ति के अनुसार पैकेज भी मौजूद थे। आर्थिक रूप से सुदृढ़ लोगों ने पूजा के लिए 1051 रुपए के पैकेज की खरीदारी की, जबकि मिडिल क्लास के लोग 501 रुपए और लोअर मिडिल क्लास के लोग 150 रुपए के पैकेट से ही काम चलाते रहे।

पटना आज भी सबसे बड़ा बाजार

रांची में पूजन सामग्री की सबसे बड़ी खेप पटना से ही आती है। इसके बाद नंबर आता है बनारस और कोलकाता का। इन्हीं शहरों से रांची में पूजन सामग्री मंगवाई जाती है। वैसे रोली, मौली धागा, अबीर-गुलाल, धूप और अगरबत्ती जैसी सामग्री इन दिनों रांची में भी तैयार होने लगी हैं। चंदन की खेप तमिलनाडू से भी आती है, लेकिन इसे भी वाया पटना ही मंगवाया जाता है।

असली घी की खपत बेहद कम

लालपुर के एक व्यवसायी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूजन में इस्तेमाल होने वाली घी की खपत तो खूब है, लेकिन ज्यादातर लोग पूजा के लिए असली घी का इस्तेमाल नहीं करते। असली घी 800 रुपए प्रति किलो की दर से बिकता है, जबकि ज्यादातर लोग 120 रुपए के एक डिब्बे से ही काम चला लेते हैं।

कोट

रांची में पहले की तुलना में पूजन सामग्री का बाजार बड़ा हुआ है। इसके बावजूद दुकानदारों की आय कम हुई है, क्योंकि सिटी में पूजन सामग्री की दुकानें भी खूब खुली हैं। लोग अपने-अपने इलाके की दुकानों से ही सारे सामान खरीद लेते हैं।

मोनी गुप्ता, व्यवसायी, महाबीर चौक