सीबीआई जांच के दौर में नौकरी मिलने से खिल उठे प्रतियोगियों के चेहरे

पहला स्थान पाने वाली नूरजहां ने कहा इंटरव्यू अच्छा नहीं हुआ था, फिर भी टॉपर बनने से गदगद

ALLAHABAD: ऐसे समय जब यूपी लोक सेवा आयोग की सीबीआई जांच चल रही है। तब शुक्रवार को आए कम्बाइंड लोअर सबआर्डिनेट 2015 के फाइनल रिजल्ट ने प्रतियोगियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। इस परीक्षा परिणाम में हमेशा की तरह इस बार भी इलाहाबाद से प्रतियोगी बड़ी संख्या में चयनित हुये हैं। जिनमें अधिकांश ऐसे हैं। जिन्हें पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हुयी है। जबकि बहुतेरे ऐसे हैं। जिन्हें दूसरे और तीसरे प्रयास में सफलता मिली। परीक्षा परिणाम में मेरिट के आधार पर टॉप फोर पोजिशन पाने वाले नूरजहां, संजय, अंजनेय और पवन एग्जक्यूटिव ऑफिसर (अधिशाषी अधिकारी) नगर पालिका के पद पर चयनित हुये हैं।

इंतकाल से पहले तक नाना पूछते रहे बेटी रिजल्ट कब आ रहा है?

परीक्षा परिणाम में मेरिट के आधार पर पहला स्थान हासिल करने वाली तेलियरगंज निवासी नूरजहां से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बात की तो वे बात करते करते रोने लगी। दरअसल, नूरजहां के पिता नहीं हैं। उनके पिता का इंतकाल नूरजहां जब छोटी थी, तभी हो गया था। तब से नूरजहां अपनी मां जुबैदा बेगम के साथ अपने नाना सलमान अली के घर पर ही रह रही हैं। उनके नाना ने ही नूरजहां की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। नूरजहां ने बताया कि उनके नाना का इंतकाल बीते 25 तारीख को हो गया। वह दुनिया से रुखसत होते होते पूछते रहे कि बेटी तुम्हारा रिजल्ट कब आ रहा है ?

पहले प्रयास में छंट गई, दूसरे में मिली सफलता

रुंधे गले से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बात कर रही नूरजहां ने थोड़ी ही देर में खुद को संभाला और बताया कि वो करेंट में इलाहाबाद सदर तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात हैं। बताया कि उन्हें यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल हुयी। इससे पहले वह पहले प्रयास में मार्केटिंग इंस्पेक्टर पद पर एज लिमिट की बाउंडेशन के चलते सेलेक्ट होते होते रह गयी थी। 26 वर्षीय नूरजहां अभी अनमैरिड हैं। उन्होंने अपनी सफलता में बड़ा योगदान डिप्टी कमिश्नर अफसर हुसैन को दिया। अफसर हुसैन उनके घर पर रेंट पर रहा करते थे। पांच साल पहले वे उनके घर पर तैयारी करके चयनित हुये थे। उन्होंने ही नूरजहां को तैयारी की प्रेरणा दी थी।

मुस्लिम कम्यूनिटी के लिए बनी रोल मॉडल

अपने माता पिता की इकलौती संतान नूरजहां ने बताया कि लोअर में उनका रिटेन एग्जाम बहुत ही अच्छा हुआ था। लेकिन उनका इंटरव्यू उतना अच्छा नहीं हो सका था। ऐसे में उन्हें यकीन नहीं था कि वो टॉप कर जायेंगी। मुस्लिम कम्यूनिटी से बिलांग करने वाली नूरजहां ने कहा कि बेटियों के लिए आज के समय में कुछ भी कर पाना असंभव नहीं है। बहरहाल, मुस्लिम महिलाएं और लड़कियों के लिए नूरजहां की सफलता एक प्रेरणा की तरह है।