- मैक्सिमम और मिनिमम टेम्प्रेचर में आई गिरावट लेकिन कम नहीं हुई धुंध

- डस्ट से बचने के लिए मास्क लगाकर लोग निकले घरों से बाहर

BAREILLY:

बरेली परिक्षेत्र में थर्सडे की सुबह भी धूल का गुबार छाया रहा। कई एरियाज में वायु की गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब रहा। हरे-भरे क्षेत्र में सुबह भी एयर क्वॉलिटी खराब रही। शहर में पॉल्यूशन का स्तर रिस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टीकुलेट मैटर (आरएसपीएम) और पीएम-10 का वैल्यूज सामान्य से दो गुना हो गया है। आरएसपीएम आईवीआरआई क्षेत्र में 181.3 और सिविल लाइंस क्षेत्र में 207.12 माइक्रोग्राम प्रति क्यूब के पास पहुंच गई है। वहीं पीएम-10 की वैल्यू 200 के पास है। जबकि, आरएसपीएम 100 और पीएम-10 का वैल्यू 100 के पास सामान्य माना गया है। धूल के गुबार में लिपटे शहर में थर्सडे को सांस लेना भी दूभर हो गया। सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा व दमा पेशेंट काे हुई।

धूल के गुबार से बढ़ी परेशानी

वेदर एक्सपर्ट के मुताबिक इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे राजस्थान में तापमान की अधिकता के बीच पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाओं के चलते धूल भरी आंधी का असर बरेली क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। वेडनसडे की तरह थर्सडे को भी वायुमंडल में धूल छाई रही। इससे जहां एक ओर मौसम में उमस बढ़ गई तो वहीं दूसरी ओर हवा न चलने से लोग परेशान रहे। हालांकि मौसम वैज्ञानिक राजस्थान से तेज हवाओं के साथ धूल आने का अनुमान लगा रहे हैं। राजस्थान से आने वाली रेतीली धूल के अलावा डेवलपमेंट के हो रहे काम की वजह से यह स्थिति बनी है।

48 घंटे तक रहेगी रेतीली धुंध, फिर बारिश

शाम हल्की हवा चलने से लोगों को आंधी और उसके बाद बारिश आने का अनुमान था, लेकिन न तो आंधी आई और न ही बारिश हुई। काफी समय तक आकाश में दूर-दूर तक धूल छाए रहने और घुटन भरा वातावरण होने से लोग दिन भर बेचैन रहे। अगले 48 घटों तक धूल छाए रहने की संभावना है। वर्तमान में मौसम में रेतीली धुंध है। इसके कारण मौसम खराब है। ये तभी हट सकती है, जब तेज बारिश हो।

धूल के गुबार से प्रॉब्लम्स

सामान्य व्यक्ति - खांसी और सांस की नली में सूजन का खतरा।

पेशेंट - सीजियर अटैक, भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है।

बचाव - गले और नाक को अच्छे से साफ करें, आंखों को कई बार धोएं और पानी खूब पीएं।

इन पेशेंट को दिक्कत- दमा, अस्थमा, सांस और क्षय रोगी।

टेम्प्रेचर रहा

मैक्सिमम - 38.2 डिग्री सेल्सियस।

मिनिमम - 28.8 डिग्री सेल्सियस।

पॉल्यूशन का लेवल

पॉल्यूशन - एरिया - परसेंटेज

आरएसपीएम - आईवीआरआई - 181.03

आरएसपीएम - सिविल लाइंस - 207.12

पीएम-10 - पूरे शहर में - 202

नोट-आरएसपीएम और पीएम-10 के कणों का स्तर 100 से कम सामान्य माना जाता है। उससे अधिक खतरनाक होता है।

वातावरण में मौजूद धूल के कण सामान्य व्यक्ति और पेशेंट दोनों के लिए खतरनाक हैं। इससे सांस की नली में सूजन हो सकती है। बचने की जरूरत है।

डॉ। रजत अग्रवाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट

धूल के गुबार का असर 48 घंटे तक बना रहेगा। उसके बाद बादल बनेंगे। अगले दो दिन बाद अच्छी बारिश होने की सम्भावना है।

डॉ। जेपी गुप्ता, डायरेक्टर, आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र