RANCHI : दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने झारखंड में बिजली आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी है। इस बाबत दामोदर घाटी निगम के कामर्शियल डिपार्टमेंट, कोलकाता के चीफ इंजीनियर एमसी रक्षित ने झारखंड बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर (कामर्शियल एंड रेवेन्यू) को एक कड़ा पत्र भेजा है। इसमें बकाया भुगतान पर जोर देते हुए ताकीद की गई है कि अगर इस दिशा में बिजली वितरण निगम ने कार्रवाई नहीं की तो चरणबद्ध तरीके से दामोदर घाटी निगम राज्य की बिजली आपूर्ति बंद करेगा।
15 सिंतबर का अल्टीमेटम
नोटिस की मियाद 15 सितंबर दी गई है। नोटिस में जिक्र है कि झारखंड पर दामोदर घाटी निगम का बकाया 3354 करोड़ रुपये है। अगर इस राशि के भुगतान की दिशा में कार्रवाई नहीं की गई तो 15 सितंबर की मियाद पूरी होने के बाद दामोदर घाटी निगम 30 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति कम कर देगा। इसके बाद प्रत्येक सप्ताह दस-दस प्रतिशत बिजली की कटौती की जाएगी।
आश्वासन हवा-हवाई
दामोदर घाटी निगम इस वर्ष बिजली में कटौती करने के लिए छह नोटिस दे चुका है। पिछली नोटिस जारी करने के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम ने 750 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद नोटिस वापस लिया गया। इस वर्ष दामोदर घाटी निगम ने 23 अप्रैल, 11 मई, छह जून, सात जून, आठ अगस्त और 21 अगस्त को झारखंड बिजली वितरण निगम को लोड रेगुलेशन नोटिस जारी की है।
इंडस्ट्रीज पर पड़ेगा असर
अगर डीवीसी की ओर से बिजली आपूर्ति में कटौती की जाती है तो इसका सीधा असर इंडस्ट्रीज पर पड़ेगा। खासकर कोयला आधारित कई उद्योग धंधे ठप हो जाएंगे। इतना ही नहीं मध्यम व कु टीर उद्योगों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वैसे भी, अभी भी घंटों बिजली कटौती का सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है।
इन जिलों में पड़ेगा सर्वाधिक असर
धनबाद
बोकारो
हजारीबाग
रामगढ़
कोडरमा
चतरा
पलामू
रांची
लोहरदगा
गिरिडीह
दुमका
क्या चाहिए डीवीसी को
-नियमित तौर पर बिजली आपूर्ति के एवज में भुगतान।
-फ्यूल बिल, अन्य आपरेशनल और मेंटेनेंस खर्च का भुगतान।
-बकाये का भुगतान और उस एवज में निगम द्वारा लिए गए लोन का ब्याज दें।
किन संकटों का करना पड़ रहा सामना
-पैसे की कमी के कारण निगम का संचालन प्रभावित हो रहा है।
-अगर बकाया बढ़ता रहा तो डीवीसी बाध्य हो सकता है शटडाऊन के लिए।
-एक ओर बकाये का भुगतान नहीं, दूसरी तरफ अन्य स्त्रोतों से लेनी पड़ रही बिजली।
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