- चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने शुरू की सेवा

LUCKNOW : प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों और कानपुर के दो चिकित्सा संस्थानों की ओपीडी में मरीजों को दिखाने के लिए अब घर बैठे ही रजिस्ट्रेशन होगा। इससे ओपीडी में में मरीजों को लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। मरीज घर से ही डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट ले सकेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों और दो चिकित्सा संस्थानों में ई हॉस्पिटल सेवा का शुभारंभ किया। इनमें मेरठ, इलाहाबाद, आगरा, गोरखपुर, झांसी व कानपुर मेडिकल कॉलेज के अलावा कानपुर के एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी व जेके कैंसर संस्थान शामिल हैं।

मरीजों के रिकॉर्ड आनलाइन

ई हॉस्पिटल सेवा के शुभारंभ के अवसर पर विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा जयंत नार्लीकर ने बताया कि ई हॉस्पिटल सेवा से मरीजों को ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के साथ ही अब मरीजों का रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा। मरीज की यूनीक आईडी से सभी जांच, इलाज का ब्यौरा आनलाइन होगा। ई हॉस्पिटल से कनेक्टेड दूसरे अस्पताल में जाने पर दोबारा जांचें नहीं करानी होंगी और डॉक्टर पीछे के इलाज व जांच का ब्यौरा देख सकेगा। इससे मरीजों का समय बचेगा साथ ही रिसर्च को भी बढ़ावा मिलेगा। एडमिशन, पेशेंट ट्रांसफर, डिस्चार्ज, बिलिंग, डेथ सर्टिफिकेट सहित अन्य सेवाएं आनलाइन रहेंगी।

पहला चरण : रजिस्ट्रेशन और ऑनलाइन अपॉइंटमेंट

दूसरा चरण : मेडिकल कॉलेज में दवाओं की उपलब्धता की जानकारी

तीसरा चरण : मरीज की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन

यहां मिलेगी सुविधा

मेरठ, इलाहाबाद, आगरा, गोरखपुर, झांसी व कानपुर मेडिकल कॉलेज के अलावा कानपुर के एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी व जेके कैंसर संस्थान

ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

केजीएमयू के डॉ। संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि मरीज श्रह्मह्य.द्दश्र1.द्बठ्ठ/ पर जाकर मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर डालकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। बिना आधार नंबर के भी मरीजों को रजिस्टर करने की सुविधा होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज घर बैठे ही अप्वाइंटमेंट और समय ले सकेंगे। समय पर जाकर रजिस्ट्रेशन नंबर या रजिस्ट्रेशन का प्रिंटआउट दिखाना होगा। जिससे अस्पताल में बने अलग काउंटर से तुरंत परचा निकल आएगा। परचा निकालवाने के लिए आधार या अन्य आईडी दिखानी होगी।

75 प्रतिशत कम हुई लागत

आठ कॉलेजों व संस्थानों में ई हॉस्पिटल को शुरु करने में सिर्फ 41 करोड़ का ही खर्च आया है। जिसमें कंप्यूटर, प्रिंटर व ऑनलाइन सिस्टम के लिए 150 किलोमीटर से ज्यादा अंडरग्राउंड ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। करीब 490 से ज्यादा कंप्यूटर और 299 प्रिंटर लगाए गए हैं। इस मौके पर डीजीएमई डॉ। केके गुप्ता, प्रमुख सचिव डॉ। रजनीश दुबे, केजीएमयू के वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट, पीजीआई के निदेशक डॉ। राकेश कपूर, एकेटीयू के वीसी प्रो। विनय पाठक सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

कोट

6 कॉलेजों ओर दो संस्थानों में ई हॉस्पिटल सेवा शुरु की गई है। इससे मरीजों को सुविधा होगी। जांचों, इलाज, दवाओं सबका डाटा ऑनलाइन होगा। जिससे रिसर्च में भी फायदा मिलेगा।

- आशुतोष टंडन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री