हो रही है रंगाई पुताई भी

डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रो। आशाराम त्रिपाठी कहते हैं कि गर्मी की छुट्टियों में ही इस बार हास्टल्स की सफाई, रंगाई-पुताई और मरम्मत का काम करा लिया गया है। अब ये पूरा हो चला है। हास्टल्स के लिए वाइस चांसलर ने 4.72 करोड़ रुपये सेंशन किये थे। एजुकेशन फैकल्टी के अंडर में आने वाले कमच्छा स्थित डॉ। एबी हास्टल और आरपी हास्टल में पेमेंट न होने के कारण बंद पड़े इंटरनेट का भी इस बार शुरू किया जा रहा है। इसके लिए 2 लाख 92 हजार का बकाया पेमेंट करा कर इंटरनेट शुरू कराया गया है।

बढ़ जाएगी स्पीड भी

प्रो। त्रिपाठी की माने हास्टल्स में रहने वाले स्टूडेंट्स कम्प्यूटर पर इंटरनेट के जरिये ई-लाइब्रेरी से जुड़े रहेंगे। इसके जरिये वो ई-जर्नल्स, ई-बुक्स, ई-रिसोर्सेज का भी यूज कर सकेंगे। स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए अब इंटरनेट की स्पीड 512 केबीपीएस से बढ़ाकर 10 एमपीबीएस की जा रही है। इसके लिए अलग से 10 लाख खर्च हो रहे हैं। इस स्पीड के जरिये ई-लाइब्रेरी को यूज करना काफी आसान होगा।

खान-पान की भी मॉनिटरिंग

इस सब के अलावा हॉस्टल्स में मेस संचालन व खाने की क्वॉलिटी मेंटेन करने के लिए वाइस चांसलर ने प्रो। जेपी सिंह के चेयरमैनशिप में 16 मेम्बर्स की एक 'हास्टल्स एंड मेस मानिटरिंग कमेटीÓ भी बनाई है। ये कमेटी हर हास्टल में मेस सहित अन्य सुविधाओं पर नजर रखेगी और उस हिसाब से सजेशंस देगी। हास्टल के स्पोट्र्स ग्राउंड और वहां खेल सामग्री की व्यवस्था के लिए भी इस बार काम होगा।