RANCHI : नये साल से फ्लैट व प्लॉट की रजिस्ट्री में स्टांप पेपर की बाध्यता खत्म हो जाएगी। रजिस्ट्रेशन में स्टांप पेपर की बजाय ई-पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। राजस्व व भूमि सुधार विभाग की ओर से इस बाबत तैयारियां शुरू कर दी गई है। मालूम हो कि ई-पेमेंट सिस्टम लागू करने को कैबिनेट की मुहर लग चुकी है। अब इसे विधानसभा के पटल पर जाएगा। सदन की सहमति मिलने के बाद इसे मंजूरी के लिए भारत सरकार के पास भेजा जाएगा। इसके उपरांत पूरे राज्य में ई-पेमेंट सिस्टम लागू कर दिया जाएगा।

इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल

आईजी, रजिस्ट्रेशन ए मुथुकुमार ने बताया कि ई-पेमेंट सिस्टम इंटरनेट बैंकिंग पर बेस्ड होगा। इसके तहत अन्य सेवाओं के लिए जिस तरह इंटरनेट बैंकिंग का यूज होता है, उसी तरह जमीन की रजिस्ट्री में भी लोग ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे। इस सिस्टम के लागू होने के बाद रजिस्ट्रेशन अथवा एग्रीमेंट में किसी तरह के स्टांप पेपर की जरूरत नहीं पड़ेगी।

अभी क्या है सिस्टम

फिलहाल जमीन की रजिस्ट्री अथवा किसी भी तरह के एग्रीमेंट के लिए स्टांप पेपर अनिवार्य है। इसके तहत जमीन की वैल्यू के हिसाब से स्टांप पेपर में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। लेकिन, नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद उसकी रसीद को रजिस्ट्रार के यहां प्रोड्यूस कर फ्लैट अथवा प्लॉट की रजिस्ट्री कराई जा सकेगी।

स्टांप पेपर की किल्लत और कालाबाजारी से मिलेगी निजात

आईजी रजिस्ट्रेशन ए मुथुकुमार ने बताया कि स्टांप पेपर की किल्लत और स्टांप पेपर की कालाबजारी को देखते हुए यह सुविधा शुरू की जा रही है। दरअसल, छोटे-मोटे लीज एग्रीमेंट से लेकर रेंट एग्रीमेंट या रजिस्ट्री कराने के लिए 5, 10,20 , 50, 100 , 500, 1000 रूपए के स्टांप पेपर की जरूरत होती है, लेकिन बार-बार यह शिकायत मिलती रहती है कि छोटे दाम के स्टांप पेपर उपलब्ध नही रहते हैं। ऐसे में वेंडर्स इसकी किल्लत की आड़ में धड़ल्ले से स्टांप पेपर के लिए मनमानी रकम वसूलते हैं।

वर्जन

झारखंड में जमीन के रजिस्ट्रेशन में स्टांप पेपर की बजाय ई-पेमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी चल रही है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे विस में पारित कराया जाएगा। इसके उपरांत केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद नए सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा।

ए मुथु कुमार

आईजी, रजिस्ट्रेशन