केस वन - सीएम की ई-रिक्शा वितरण योजना के तहत बिहारीपुर निवासी रिक्शा चालक बाबाराम मौर्य को ई-रिक्शा मिला था, लेकिन तीन माह बाद वह खराब हो गया। उन्होंने एजेंसियों का चक्कर लगाए लेकिन कहीं भी ई-रिक्शा ठीक नहीं हुआ तो डीएम से गुहार लगाई है।

केस टू - ई-रिक्शा पाकर खुश हुए पुराना शहर निवासी मुन्ना का ई-रिक्शा क्या खराब हो गया। इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। आए दिन इसकी मरम्मत कराने के लिए एजेंसी पहुंचकर निराश हो चुके गुलाम ने अब डीएम से मदद की गुहार लगाई है।

केस थ्री- पहली बार अब्दुल ई-रिक्शा पर बैठे थे तो खुशी का ठिकाना न था। सबका मुंह मीठा कराया था, लेकिन अब खुशियों की सारी मिठास खत्म हो चुकी है। करीब दो माह से खराब ई-रिक्शा न बनने के बाद उन्होंने भी डीएम को आपबीती सुनाई है।

<केस वन - सीएम की ई-रिक्शा वितरण योजना के तहत बिहारीपुर निवासी रिक्शा चालक बाबाराम मौर्य को ई-रिक्शा मिला था, लेकिन तीन माह बाद वह खराब हो गया। उन्होंने एजेंसियों का चक्कर लगाए लेकिन कहीं भी ई-रिक्शा ठीक नहीं हुआ तो डीएम से गुहार लगाई है।

केस टू - ई-रिक्शा पाकर खुश हुए पुराना शहर निवासी मुन्ना का ई-रिक्शा क्या खराब हो गया। इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। आए दिन इसकी मरम्मत कराने के लिए एजेंसी पहुंचकर निराश हो चुके गुलाम ने अब डीएम से मदद की गुहार लगाई है।

केस थ्री- पहली बार अब्दुल ई-रिक्शा पर बैठे थे तो खुशी का ठिकाना न था। सबका मुंह मीठा कराया था, लेकिन अब खुशियों की सारी मिठास खत्म हो चुकी है। करीब दो माह से खराब ई-रिक्शा न बनने के बाद उन्होंने भी डीएम को आपबीती सुनाई है।

BAREILLY: BAREILLY: ये केस बताने के लिए काफी हैं सीएम अखिलेश यादव की ई-रिक्शा स्कीम के तहत ई-रिक्शा पाने वाले लाभार्थियों को इसके खराब हो जाने पर कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है। मई में बांटे के ई-रिक्शा में तीन महीने में ही खराबी आना शुरू हो गई है और सबसे ज्यादा दिक्कत यह है कि इसकी मरम्मत करने वाली ऑथराइज्ड एजेंसियां मरम्मत के नाम पर लाभार्थियों से रुपए की डिमांड कर रही हैं। संडे को इससे जुड़ी शिकायत डीएम से लाभार्थियों से की है।

दस हजार रुपए की डिमांड

ई-रिक्शा चालकों ने बताया कि उन्हें डूडा से ई-रिक्शा मिला था। ई-रिक्शा से ही परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। उनके पास साल भर तक रिक्शा की गारंटी कार्ड और इंश्योरेंस भी है। बावजूद इसके शहर की छह ऑथराइज्ड एजेंसियां मरम्मत करने को तैयार नहीं हैं। सारे डॉक्यूमेंट्स दिखाने पर भी ई-रिक्शा की मरम्मत करने को तैयार नहीं हैं। आरोप है कि कुछ एजेंसी के मालिकों ने बाहर से इंजीनियर बुलाने और सामान न होने का बहाना कर टरका रहे हैं तो कुछ भ् से क्0 हजार रुपए तक की डिमांड पूरी करने पर तुरंत रिक्शा ठीक करने को कह रहे हैं।

इन एजेंसियों पर लगाए आरोप

अवकाश होने के बाद भी लगातार एजेंसियों के चक्कर लगाने के बाद हताश और निराशा चालक कलेक्ट्रेट पहुंचे। डीएम नहीं मिले तो शिकायती पत्र ऑफिस में देकर लौट गए। ड्राइवर के मुताबिक सिविल लाइंस स्थित ऑटो व्हील्स, नैनीताल रोड स्थित वीके ऑटो सेंटर, सिटी श्मशान भूमि स्थित साबरी ऑटो सेंटर, धर्मकांटा और ईसाइयों की पुलिया स्थित जायसवाल, सुभाषनगर स्थित चंद्रा ऑटो सेंटर, नकटिया रोड स्थित बालाजी मोटर्स के चक्कर लगाए थे। गौरतलब है कि सीएम ने बरेली में ब्क्7 ई-रिक्शा का वितरण किया था।