50 हजार से अधिक का माल सप्लाई करने से पहले ई-वे बिल जरूर निकालें

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से व्यापारियों को दी गई जानकारी

ALLAHABAD: अभी तक उत्तर प्रदेश में 20 कैटेगरी के 50 हजार से अधिक मूल्य के सामान की सप्लाई पर ही ई-वे बिल जेनरेट करना अनिवार्य था। अब एक फरवरी से पूरे देश में सेंट्रल ई-वे बिल सिस्टम लागू हो रहा है। इसके बाद सभी सामानों की सप्लाई पर ई-वे बिल जेनरेट करना अनिवार्य होगा।

सभी को दी गई जानकारी

व्यापारियों को केंद्रीय ई-वे बिल सिस्टम से अवगत कराने और बारीकियों को समझाने के लिए इंदिरा भवन स्थित सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में सेमिनार आयोजित हुई। इसमें सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर ग्रेड-1 राजेश कुमार कुरील के साथ ही अन्य अधिकारियों ने व्यापारियों को जानकारी दी।

हर हाल में जरूरी है ई वे-बिल

व्यापारियों को बताया गया कि अब 50 हजार से अधिक मूल्य का सामान परिवहन करने पर सभी व्यापारियों को ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। 10 किलोमीटर के भीतर बिना ट्रांसपोर्ट के माल भेजने पर ई वे बिल पार्ट वन जेनरेटर करना होगा। यदि किसी गाड़ी में एक लाख का माल है और पांच व्यापारियों द्वारा मंगवाया गया है तब भी ई वे-बिल जरूरी है। सहायक कमिश्नर पुनीत तिवारी व सत्या प्रकाश ने व्यापारियों को ई वे-बिल के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। सेमिनार में कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल के साथ ही अन्य व्यापारी व अधिवक्ता मौजूद रहे।

इन सामानों के परिवहन पर जरूरी नहीं

1. चैप्टर 71 के तहत वर्गीकृत बहुमूल्य धातुएं व आभूषण

2. घरेलू उपभोग के लिए एलपीजी

3. पीडीएस सिस्टम के तहत विवरण के लिए केरोसिन

4. भारतीय मुद्रा

5. पुराना प्रयुक्त निजी एवं घरेलू सामान

नोट: नॉन मोटराइज्ड वाहन से किए जाने वाले परिवहन के लिए ई-वे बिल डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं है।

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जानें कुछ जरूरी बातें

- ई-वे बिल जीएसटी के कॉमन पोर्टल http://e-waybill.nic.in से डाउनलोड किया जा सकता है।

- ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए पोर्टल पर ई-वे बिल रजिस्ट्रेशन, एनरोलमेंट फॉर ट्रांसपोर्टर्स, एनरोलमेंट फॉर सिटीजंस लिंक के माध्यम से पंजीयन किया जा सकता है।

- ऐसे ट्रांसपोर्टर जो जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं, उनके द्वारा पोर्टल पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन करने पर 15 अंकों का यूनिक ट्रांसपोर्टर आईडी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ई-मेल आ जाएगा।

- यदि आपूर्तिकर्ता व्यापारी या प्राप्तकर्ता व्यापारी अपंजीकृत है, उनके पास जीएसटी टिन नहीं है तो ई-वे बिल जेनरेट करते समय जीएसटीएन फिल्ड में यूआरपी अनरजिस्टर्ड पर्सन लिखना होगा।

- यदि किसी ई-वे बिल से संबंधित वैधता अवधि समाप्त हो गई है, तो उसका परिवहन अमान्य होगा।

- ई-वे बिल व्यवस्था में व्यापारी द्वारा क्लाइंट मास्टर, सप्लायर मास्टर, ट्रांसपोर्टर मास्टर, प्रोडक्ट मास्टर जेनरेट किया जा सकता है।