- आईआईटी के प्रोफेसेर ने तीन साल तक रूमी गेट पर रिसर्च की

- एएसआई रेनोवेशन में जो मैटीरियल यूज कर रही है उसमें क्वालिटी नहीं

KANPUR:

यूपी की कैपिटल लखनऊ के रूमी गेट भूकंप का जोर का झटका नही सह पाएगा। अगर 7 इनटेंसिटी का झटका लग जाए तो फिर यह ऐतिहासिक इमारत भरभरा कर गिर जाएगी। क्7वीं और क्8वीं सेंचुरी के बीच निर्मित रूमी दरवाजा पर आईआईटी के प्रोफेसर दुर्गेश चन्द्र राय ने रिसर्च किया। शोध में यह बात उभरकर आई कि भूकम्प का बड़ा झटका इस महत्वपूर्ण दरवाजे को जोर का झटका दे देगा। शोध में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि एएसआई जो मैटीरियल इसके रेनोवेशन में इस्तेमाल कर रही है उसकी क्वालिटी अच्छी नही है।

बिल्डिंग का एक्सरे किया

प्रो। डीसी राय ने रूमी दरवाजा पर रिसर्च इयर ख्0क्0 में शुरू किया था और इयर ख्0क्फ् में पूरा कर इसका पेपर भी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुआ था। प्रो., राय ने बताया कि इसके बनाने में पतली ईंट और सुर्खी का प्रयोग किया गया था। अगर 7 मैग्नीट्यूड की झटका आ गया तो फिर रूमी गेट बच नहीं पाएगा। इसके प्लास्टर के सेंपल की जांच की गई। जांच में माइक्रोवेब एसिड, थर्मो ग्रेवी मेट्रिक एनालिसिस और फैक्शन एक्सरे मैटीरियल की जांच की गई।

ग्रेट अर्थ क्विक आया तो दिक्कत

रूमी दरवाजा को बनाने में लाइम सुर्खी का प्रयोग किया था। भारतीय पुरातत्व विभाग ने इसके रेनोवेशन में जो मैटीरियल लगाया है उसकी क्वालिटी अच्छी नही थी। इसका जिक्र प्रोफेसर ने अपनी शोध रिपोर्ट में किया था। आने वाले टाइम में अगर ग्रेट अर्थ क्विक आया तो फिर यह इमारत बचेगी नहीं।