- 24 घंटे के अंतराल में फिर आए भूकंप के झटके

- लोगों में दहशत, बंद कराए गए शहर के मॉल

ALLAHABAD: संडे का दिन। दोपहर क्ख् बजकर फ्9 मिनट। रावतपुर के विभम अपने दोस्तों के साथ सिविल लाइंस स्थित पीवीआर सिनेमा हाल में मूवी देख रहे थे कि अचानक कंपन सी महसूस हुई। उन्हें लगा कोई उनकी चेयर हिला रहा है। जब तक वह इधर-उधर देखते। अचानक अफरा-तफरी का माहौल बन गया। थिएटर के स्टाफ ने दर्शकों को बाहर जाने की अपील की। देखते ही देखते विनायक सिटी सेंटर मॉल के बाहर सैकड़ों लोगों का हुजूम जमा हो गया। एहतियात के तौर पर पब्लिक को बाहर कर मॉल के मेन गेट पर ताला लगा दिया। रविवार दोपहर आए भूकंप के झटकों के बाद यही हाल था। देखते ही देखते पूरा शहर सड़कों पर नजर आने लगा। लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ कि लगातार दूसरे दिन एक बार फिर भूकंप ने इलाहाबाद में दस्तक दी है।

उबरने से पहले लगा झटका

शनिवार क ो भूकंप के दो झटके लगने के बाद अभी ख्ब् घंटे ही बीते। लोग दहशत के माहौल से उबरने की कोशिश ही कर रहे थे कि अचानक रविवार दोपहर एक बार फिर भूकंप ने शहर में दस्तक दे दी। ठीक दोपहर क्ख्.फ्9 पर लोगों को धरती हिलती सी महसूस हुई। चारों ओर भगदड़ का माहौल पैदा हो गया। घर, अपार्टमेंट से लेकर मार्केट तक सभी लोग बाहर निकल आए। किसी अनहोनी के डर से उन्होंने वापस अंदर जाना ठीक नहीं समझा। टेलीफोन की घंटिया घनघनाने लगीं। हड़बड़ी में नाते-रिश्तेदारों व दोस्तों का हालचाल लेने का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों के मन में फिर से झटके आने का ख्याल गहरे तक बैठ चुका था।

खत्म हुआ संडे का इंज्वॉय, मार्केट में पसरा सन्नाटा

दहशत के मद्देनजर आनन-फानन में शहर के सभी शॉपिंग मॉल्स बंद कर दिए गए। अंदर मौजूद पब्लिक को तुरंत बाहर निकाल दिया गया। कई लोग तो समझ भी नहीं सके कि ऐसा क्यों किया जा रहा है। जानकारी मिलने के बाद उन्होंने भी बिल्डिंग के भीतर एक पल भी रुकना जरूरी नहीं समझा। विनायक सिटी सेंटर, बिग बाजार समेत सभी जगह क्लोजिंग की सूचना चस्पा कर दी गई। संडे होने की वजह से बड़ी संख्या में मार्केट में शॉपिंग करने पहुंचे लोगों को इससे काफी दिक्कत पहुंची। सिनेमाहाल भी बंद हो जाने से लोग इधर-उधर भटकते रहे। जिसके चलते अवकाश के दिन मार्केट में सन्नाटा पसरा रहा।

नहीं पड़ी अंदर जाने की हिम्मत

भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा अपार्टमेंट्स में रहने वाले दहशत में आ गए हैं। कई मंजिली इमारतों के निवासी रविवार को एक बार फिर सड़कों पर नजर आए। उनका कहना था कि दो दिनों से लगातार भूकंप के झटकों से दिल में डर बैठ गया है। अंदर जाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। सरोजिनी अपार्टमेंट का मेन गेट टेढ़ा हो गया। उसे निकालने की कोशिश की जाती रही। इसी तरह शहर के अन्य अपार्टमेंट्स के बाहर भी भीड़ लगी हुई थी। सभी एक-दूसरे को सांत्वना दे रहे थे। बच्चों में भी जबरदस्त क्युरिआसिटी दिखी। वह अपने पैरेंट्स से भूकंप के बारे में पूछताछ कर रहे थे।

बाजारों में समाया डर

लगभग यही हालात कटरा, सिविल लाइंस, जीरो रोड, मुट्ठीगंज, खुल्दाबाद, चौक, घंटाघर आदि बाजारों के भी रहे। झटके महसूस होते ही ग्राहक और दुकानदार बाहर निकलकर सड़क पर आ गए। इसके चलते सड़कों पर कुछ देर के लिए जाम लग गया। वाहन जहां कहीं भी थे, ठहर गए। अफरा-तफरी के माहौल में किसी ने रिस्क नहीं लिया। तकरीबन एक घंटे बाद वापस जिंदगी पटरी पर लौट सकी।

फ्लैश बैक

बता दें कि शहर में भूकंप आने का सिलसिला शनिवार से शुरू हुआ है। नेपाल के काठमांडू में आए तेज भूकंप के असर के चलते शनिवार को शहर में सुबह क्क्.ब्क् और फिर क्ख्.क्9 बजे दो झटके महसूस किए गए थे। जिससे लोगों में दहशत फैल गई थी। इसके बाद रविवार को फिर यही क्रम जारी रहा। दो दिन तक लगातार झटके महसूस होने के बाद लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

फैक्ट फाइल

कैसे करें भूकंप का सामना

- प्राथमिक उपचार व बचाव का सामान्य प्रशिक्षण लें।

- यह सुनिश्चित करें कि आपका घर भूकंपरोधी है, वर्तमान में घर को सुदृढ़ करना जरूरी है।

- नई इमारत या मकान बनाते समय भवन निर्माण संबंधी नियमों व उप नियमों का पालन करें।

- अपने घर-दफ्तर के अंदर एवं आसपास के सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लें। घर के अंदर सुरक्षित स्थानों के बारे में इंजीनियर से पूछें।

- ड्राप कवर होल्ड का नियमित अभ्यास करें। पलंग, मेज जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे झुके, एक हाथ से सिर को ढंके और दूसरे से फर्नीचर को पकड़ें।

भूकंप आने पर क्या करें

- भूकंप के झटके थम जाने तक टूट कर गिरने वाले प्लस्तर, शीशे, ईट, पत्थर आदि आदि से बचने के लिए किसी पलंग या मजबूत मेज के नीचे घुस जाएं।

- भूकंप के झटके रुक जाने के बाद अपने घर, स्कूल या कार्यालय की इमारत से निकलकर तुरंत खुले मैदान में आ जाएं।

- यदि आप बाहर खुले स्थान पर हैं तो ऐसी जगह खड़े न हों जहां पेड़, बिजली के खंभे तार आदि हों।

- स्टेडियम या सिनेमाघर में हैं तो बाहर की तरफ न भागें। अपनी जगह पर रहते हुए सिर को हाथ से ढक लें। धैर्य बनाते हुए झटके रुकने के बाद व्यस्थित तरीके से बाहर निकलें।

- भगदड़ न मचाएं।

वाहन चला रहे हैं तो-

- अपने वाहन को सड़क के बाएं ओर रोक लें।

- फ्लाईओवर, पुल, बिजली के तारों, खंभों, साइन बोर्ड आदि से दूर चले जाएं। गाड़ी से बाहर निकलकर गाड़ी कि किनारे झुककर बैठ जाएं।

भूकंप के झटके रुक जाने के बाद-

- यदि आप घायल हैं तो पहले अपना उपचार कराएं। यदि सुरक्षित हैं तो दूसरों की मदद जरूर करें।

- कहीं आग लगी है तो अग्निशमन सेवा क्0क्, पुलिस नियंत्रण कक्ष क्00 अथवा आपदा हेल्प लाइन क्077 पर सूचित करें।

बहुमंजिली इमारत में हैं तो-

- बाहरी दीवारों से तुरंत दूर हो जाएं और अपने सिर को बचाएं। हेलमेट है तो उसका पहन लें।

- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और खिड़कियों से दूर हो जाएं।

- पहले बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को निकलने में मदद करें।