--दो मिनट के अंतराल में महसूस किए गए तीन झटके

--रातू रोड में गिरा घर का छज्जा, सेंट्रल लाइब्रेरी में अफरातफरी में घायल हुआ युवक

शुक्रवार को दिन के 11.40 बजे घरों की खिड़कियां और दरवाजे हिलने लगे, टेबल पर रखे जग और ग्लास अपनी जगह से खिसकने लगे, ऑफिस के टेबल्स पर रखी फाइल्स भी डोल रही थीं और कंप्यूटर्स भी कांप रहे थे। लोगों को यह समझते देर नहीं लगी कि ये झटके भूकंप के हैं और देखते ही देखते लोग घरों और ऑफिसों के बाहर जुट गए। यह नजारा शहर के रातू रोड, हरमू रोड, बरियातू, मेन रोड, कचहरी रोड, लालपुर, कोकर, दीपाटोली, बूटी मोड़, डोरंडा सहित पूरी सिटी में नजर आया। इस दौरान लोग दहशत में नजर आए। कई घरों की दीवारों में दरार की सूचना है, जबकि रातू रोड के इंद्रपुरी में एक घर का छज्जा गिर गया। सेंट्रल लाइब्रेरी में भूकंप के झटके के बाद बाहर निकलने के क्रम में एक व्यक्ति घायल हो गया, जिसका इलाज सदर हॉस्पिटल में किया गया। रांची में भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई और दो मिनट के अंतराल पर तीन झटके महसूस किए गए।

घनघनाने लगे स्कूलों के फोन

भूकंप के झटके के बाद जिन घरों के बच्चे स्कूल गए थे, वे टेंशन में नजर आए। सबने स्कूल में फोन कर वहां की स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान स्कूलों के फोन घनघनाते रहे।

सोशल साइट्स पर अफवाह

भूकंप के झटके के बाद सोशल साइट्स और व्हाट्स अप पर कई लोग अफवाह फैलाते रहे, जिससे लोग दहशत में दिखे। कोई मैसेज करता रहा कि दो बजे दोबारा भूकंप आएगा तो कोई तीन बजे तो कोई रात के 10 से 1 बजे के बीच फिर से भूकंप आने के मैसेज दे रहा था।

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पहले सेफ जोन में थी रांची

भारत का जो फिजियोग्राफिक नक्शा है, उसमें देश के तीन हिस्से हैं पहला पेनीनसुलर इंडिया, दूसरा इंडो गंगेटिक प्लेन, और तीसरा एक्स्ट्रा पेनीनसुलर इंडिया। इनमें से झारखंड पेनीनसुलर इंडिया का हिस्सा है, जो भूकंप के लिहाज से सबसे सुरक्षित जोन माना जाता है और जहां भूकंप के झटके कम महसूस किए जाते हैं। हालांकि लातूर और जबलपुर में भूकंप आने के बाद यह मिथक टूट चुका है। हालांकि पिछले कुछ वर्षो में भूकंप के जितने झटके झारखंड में महसूस किए गए हैं, इस कारण एक्सपर्ट भी इसे सुरक्षित नहीं मान रहे हैं।

1600 मिलियन साल पहले भूकंप

वैज्ञानिकों ने माना है कि सबसे पुराना भूकंप 1600 मिलियन साल पहले सूनामी के बाद जिस क्षेत्र में आया था, वह क्षेत्र झारखंड का ही है।

झारखंड में कब-कब भूकंप

डेट तीव्रता प्रभावित इलाके केंद्र

21 अगस्त 1988 (4.40 सुबह) 6.6 रांची, जमशेदपुर, धनबाद इंडो-नेपाल बोर्डर

20 अक्टूबर 2003 (6.09) धनबाद सहित झारखंड के अन्य इलाके

22 मार्च 2007(10.04 रात) 3.3 रांची, लातेहार, लोहरदगा

26 मार्च 2009(10.14 सुबह) 3.8 जमशेदपुर, चाईबासा

18 सितंबर 2011 6.8 झारखंड, सिक्किम, असम, पश्चिम बंगाल गंगटोक

21 मई 2014 (9.47 रात) 6.0 रांची समेत पूरा झारखंड बंगाल की खाड़ी

(नोट: इसके अलावा झारखंड में 15 जनवरी 1934, अगस्त 1999, 21 नवंबर 1997, 26 दिसंबर 2004 और

जनवरी 2008 में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

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