भूकंप के यह झटके भारत के तमिलनाडु, उत्तर पूर्वी राज्य असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा समेत कई जगहों पर महसूस किए गए हैं. इस भूकंप के बाद सुनामी आने की भी आशंका जताई जा रही है.  हालांकि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने आधिकारिक तौर पर इंडिया में सुनामी आने की आशंका से इनकार किया है. सुनामी के लिए जारी अलर्ट को भी वापस ले लिया गया है. फिलहाल इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है. लेकिन इंडोनेशिया में सरकार ने प्रशासन को इसके लिए सतर्क कर दिया है.

भूकंप के जबरदस्त झटके ने इंडोनेशिया के पश्चिमी तटीय इलाके को प्रभावित किया है. अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी भी दी है. घबराहट में लोग सड़कों पर बाहर निकल आये हैं. हालांकि अभी तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान या किसी के गंभीर रूप से हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 7.3 दर्ज की गई है. इससे तकरीबन 420 किमी तटीय इलाके प्रभावित हुये हैं. भूकंप का केंद्र समुद्रतल से 30 किमी दूर बताया जा रहा है.

बच्चों के साथ लोग घर से बाहर निकले

आचे के लोगों में घबराहट और अफरातफरी का माहौल है. लोग अपने परिवार और बच्चों के साथ घरों से बाहर निकल कर मैदान और मसजिदों में इंतजार कर रहे हैं. लोगों को 2004 के भीषण भूकंप और सुनामी से हुई त्रासदी की याद ताजा हो आई है, जिसने हजारों लोगों को सोते में ही हजारों लोगों को काल कवलित कर दिया था.

अस्पताल खाली कराया

सेउमेले शहर के अस्पताल से मरीजों को बाहर निकाल लिया गया है. आधिकारियों ने अभी तक किसी प्रकार के हताहत या गंभीर नुकसान की पुष्टि नहीं की है. भूकंप के दो घंटे बाद ही स्थानीय जियोलॉजिकल एजेंसी ने सुनामी की वार्निंग जारी कर दी है. इंडोनेशिया की स्थिति प्रशांत महासागर बेसिन के सिस्मिक जोन 'रिंग ऑफ फायर' के समीप है. 26 दिसंबर, 2004 में भूकंप के जबरदस्त झटके और हिंद महासागर में सुनामी के कारण इंडोनेशिया सहित अन्य देशों के तकरीबन आधे तटीय इलाके में 2.3 लाख लोग मारे गये थे.

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