- मरीजों को बेड सहित लेकर बाहर निकले लोग

- मरीजों के साथ डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ पर दिखा भूकम्प का खौफ

LUCKNOW: भूकम्प के कारण कुर्सियां, बेड, और ग्लूकोज के स्टैंड हिले तो मरीजों के साथ अटडेंट्स के बीच अस्पतालों में हड़कम्प मच गया। दहशत के कारण हॉस्पिटल्स में अटेंडेंट अपने मरीजों को लेकर बाहर आ गए। डॉक्टर्स के साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी काफी देर तक मरीजों को छोड़कर भाग खड़े हुए।

ट्रॉमा सेंटर से बाहर आए मरीज

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में दर्जन भर से ज्यादा मरीज सीटी स्कैन और एक्सरे के लिए गम्भीर हालत में स्ट्रेचर पर लाइन लगाए खड़े थे। लेकिन अचानक स्ट्रेचर अपने आप लुढ़कने लगे तो मरीजों के साथ परिजन भी दहशत में आ गए और आनन फानन में मरीजों को स्ट्रेचर के साथ लेकर बाहर भाग खड़े हुए। इंदिरा नगर से अपने मरीज का इलाज कराने आए राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि अंदर तेज भूकम्प आया था। डॉक्टर और स्टाफ भी भाग खड़े हुए। जिसके बाद हम लोग भी वहां से भागे। उनके साथ सभी मरीज बाहर आ गए थे। कुछ देर बाहर धूप में इंतजार करने के बाद ही लोग अपने मरीजों को अंदर ले गए। पास में ही स्थित शताब्दी हॉस्पिटल में भी गम्भीर हालत में मरीजों को लेकर लोग बाहर आ गए। ऑपरेशन की तैयारी कर रहे डॉक्टर भी भाग खड़े हुए। काफी देर तक डॉक्टर्स बाहर ही इंतजार करते रहे।

क्वीन मेरी में मची चीख पुकार

कुछ ऐसा ही हाल केजीएमयू के आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनी विभाग के क्वीन मेरी अस्पताल में भी हुआ। लगभग क्ख्.फ्भ् बजे अचानक ओपीडी में महिलाएं चीखते हुए भागी। बाहर रैन बसेरे में मरीजों केा दिखाने के लिए आए अटेंडेंट भी अपने मरीजों के लिए भागे। अचानक भ्00 से ज्यादा लोगों के एक साथ भागने के कारण भगदड़ सी स्थिति हो गई। किसी तरह गार्डो ने महिलाओं को संभाला तो मरीज रूके। लगभग आधे घंटे से ज्यादा समय तक ओपीडी में अफरा तफरी की स्थिति रही।

खाली हो गया लिम्ब सेंटर

केजीएमयू का ही लिम्ब सेंटर में भी मरीजों को पिछली बार की तरह ही उनके अटेंडेंट बेड सहित लेकर भाग आए। कड़ी धूप में पसीने से तरबतर मरीज और उनके परिजन सड़क पर मरीजों को लेकर घंटों तक खड़े रहे। ऐसे ही केजीएमयू की मेन ओपीडी, व अन्य इमारतों में इलाज के लिए आए लोगों का रहा। मरीजों के साथ तीमारदार और डॉक्टर सब दहशत में भाग खड़े हुए।

यहां भी बाहर भागे मरीज

केजीएमयू के अलावा, सिविल, बलरामपुर, डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लोकबंधु चिकित्सालय और संजय गांधी पीजीआई में भी लोग डरे रहे। अस्पतालों में लोग आधे घंटे से अधिक समय तक लोग बाहर निकले रहे। पीजीआई में ओपीडी में काफी अफरा तफरी का माहौल रहा। काफी देर तक लोग मरीजों के साथ बाहर रहे। यहां भी डॉक्टर्स के साथ रेजीडेंट भी जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागे।