बिस्तर से जमीन पर गिरा दिखा

पटना के दीघा, बालूपर एरिया के इस घर के आंगन में महिलाएं एक-दूसरे को पकड़ कर रो रही हैं। पुरुष पाये को पकड़ कर सिसक रहे हैं। आंगन के पास वाले कमरे में ध्रुव पासवान (30-32) जमीन पर बिछे बिस्तर से जमीन पर गिरा दिखा। घर में हल्की रोशनी के बीच दिखा कि उसके माथे से खून रिस कर जमीन पर पसरा है। दूसरे छोर पर मांस के छोटे टुकड़े पड़े थे। अंतडिय़ों के टुकड़े भी शरीर से दूर दीवार किनारे दिखे। चेहर पर गमछा ढंका था। साहस नहीं हुआ कि उसके चेहरे से गमछा को हटा सकें या कमरे में तेज पावर वाली लाइट जलायी जाए। बहकर जमा खून काफी डरावना लग रहा था, मानो पूरे शरीर से खून निकल गया हो।

दहाड़ मारती रही मां

धु्रव की मां रामकुमारी देवी खूूब रो रही है। बाकी महिलाएं भी एक दूसरे को पकड़ कर रो रही हैं। एक-दो महिलाएं चुप कराने की कोशिश कर रही हैं, पर रोने की आवाज थम नहीं रही। धु्रव का भाई धर्मेन्द्र भी मां के पास ही सिसक रहा है। कुछ परिजन आंगन का पाया पकड़ सिसक रहे हैं।

जैसा मां ने बताया

धु्रव पासवान की मां ने आई नेक्स्ट को बताया कि जब भूकंप आया तो सब लोग भागने लगे। सब लोग जब घर से बाहर निकल गए तो हमलोगों ने बेटा को नहीं देखा। फिर मैं अंदर गई धु्रव को खोजने। मैंने देखा वह कमरे में पड़ा है। उसके सिर से खून बह रहा था। इसके आगे मां कुछ बयां नहीं कर पाती है। आंसू ने उनकी आवाज को रोक दिए।

बहुत मिलनसार था ध्रुव

घर से निकलते ही लोगों ने बताया, बहुत अच्छा लड़का था। ड्राइवरी या मजदूरी करता था। गोली लगी है क्या? यह सवाल जब मैंने पूछा तो लोगों ने कहा कि नहींनहीं गोली चलती तो आवाज होती ना अभी पुलिस का आना बाकी है दोपहर के सवा दो बजे थे, यकीन ही नहीं हो रहा कि बिना दीवार गिरे, बिना छत से गिरे, कैसे किसी की जिंदगी एक कमरे में ऐसे खत्म हो सकती है। भूकंप ऐसी मौत भी ला सकता है! ऐसे भी सबको डरा सकता है! यह समझ से परे है। कई घरों से लोग भूकंप के खौफ से बाहर निकले हुए हैं पर इस घर में लोग घर के अंदर रो रहे हैं। सिसक रहे हैं।