-पर्यावरणविद् और ज्योग्राफी एक्सप‌र्ट्स ने जताई आशंका

-दूर कहीं भी भूकंप आने पर राज्य में दिखेगा असर

-बड़ा नुकसान नहीं, लेकिन कंपन से इनकार नहीं

>RANCHI: रांची ही नहीं, पूरा झारखंड भूकंप के सेफ जोन से बाहर आ गया है। इस पर नए तरीके से शोध करने की जरूरत है। ये बातें ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद् नितीश प्रियदर्शी ने कही है। उन्होंने बताया कि रांची भूकंप के जोन टू में आता है। इसे देश का सबसे सेफ जोन माना जाता था। लेकिन, पिछले तीन साल और शनिवार को दिन के क्क्.ब्भ् बजे जो भूकंप का झटका महसूस किया गया। उसे देख कर अब यहां भी भूकंप की आशंका बढ़ गई है। कभी भी इसके झटके लग सकते हैं।

रांची में शनिवार को फ्0 सेकेंड के लिए धरती कांप गई और लोग घरों से बाहर निकल गए। सभी हैरान थे कि अचानक धरती कैसे डोलने लगी। जबकि रांची सेफ जोन कहा जाता था। फिर यहां भूकंप कैसे आ गया। ऐसे में एक्सपर्ट भी कहने लगे हैं कि अब रांची सेफ जोन में नहीं रहा।

बढ़रही झटके की अवधि

रांची में पिछले तीन साल से भूकंप आ रहा है। हर साल झटका का समय बढ़ता जा रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल दस सेकेंड ज्यादा देर तक झटका मजसूस किया गया। इसके बाद अगर भूकंप आता है, तो झटके का समय बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।

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क्या कहते हैं एक्सप‌र्ट्स

रांची में भूकंप का सेंटर प्वाइंट कभी नहीं बनेगा। लेकिन, जहां कहीं भी भूकंप आएगा, उसका असर यहां जरूर देखने को मिलेगा। कंपन यहां भी होगा और लोगों को झटका भी लगेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यहां की जमीन के अंदर क्या हो रहा है, इसे जानना मुश्किल हो गया है। लेकिन, स्थितियां बदलने में समय नहीं लगता है।

-डॉ। अभय कृष्ण सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, जियोग्राफी, रांची कॉलेज

पहले रांची को सेफ जोन में हमलोग गिनते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। इसका प्रमाण है पिछले तीन साल से भूकंप के झटके लगना। इस कारण जो मृत फाल्ट यानी पहाड़ों की दरारें हैं, वो फिर से जाग सकती हैं और यहां भी भूकंप का अभिकेंद्र यानी सेंटर बन सकता है।

-नितीश प्रियदर्शी,पर्यावरण विद

प्लेट के खिसकने से भूकंप आता है। प्लेट अभी गतिशील है। इसलिए छोटानागपुर में हल्का झटका लग सकता है। ये जोन भी अब सेफ जोन में नहीं रहा। इसकारण आने वाले समय में यहां और भी झटके महसूस किये जा सकते हैं।

-डॉ। राकेश नारायण, टीचर, जियोग्राफी, आरयू