आगरा। आरबीएस के बिचपुरी कैम्पस के भूगर्भ विज्ञानी डॉ। ओपी सिंह के अनुसार रविवार को आया भूकम्प का झटका शनिवार की अपेक्षा में कम था। डॉ। ओपी सिंह का कहना है कि साढ़े तीन-चार रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकम्प के प्रभाव के चलते पंखे, पानी, दीवार पर लटकी तस्वीरें-फोटो फ्रेम आदि हिल जाते हैं। गिरासूहाल भवनों का प्लास्टर या छज्जा के प्लास्टर भी नीचे आ सकता है। भूगर्भ विज्ञानी ओपी सिंह ने रविवार के भूकम्प की तीव्रता को लगभग साढ़े-तीन और चार रिएक्टर स्केल का बताया।

पहले से शुरू हो जाते हैं सिग्नल

भूगर्भ विज्ञानी डॉ। ओपी सिंह बताते हैं कि भूकम्प के सिग्नल पहले से ही मिलना शुरू हो जाते हैं। ये सिग्नल भूकम्प की तीव्रता और उसकी दूरी पर निर्भर करते हैं। उन्होंने बताया कि इन सिग्नलों को इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिग्नल बोलते हैं। जो रिसर्च चल रही हैं, उससे आइडिया लगाया जाना आसान हो गया है कि सिग्नल जो मिल रहे हैं, वो किस तरह के हैं।

अब कम है संभावना

उन्होंने बताया कि शनिवार को तीव्रता रविवार की अपेक्षा थोड़ी ज्यादा थी। भूकम्प के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि धरती के नीचे एनर्जी स्टोर होती रहती है। ये एनर्जी ही बाहर निकलती है तो भूकम्प की स्थिति पैदा हो जाती है। शनिवार और रविवार दोनों दिनों में धरती के नीचे की काफी एनर्जी निलकर बाहर आ गई चुकी है। इसीलिए अब भूकम्प आने की उम्मीद कम ही बची है।