आगरा। नेपाल के लामजुंग में भूकम्प के केंद्र बनने और उसके बाद आगरा में उसके असर को लेकर लोग खासे परेशान हैं। तमाम लोगों के दिमाग में भूकम्प को लेकर भय घर करने लगा है। मनोचिकित्सक इस स्थिति को एक तरह के फोबिया की संज्ञा दे रहे हैं। जिससे सामान्य होने में लोगों को कुछ समय लग सकता है।

लोगों के दिमाग पर अलग-अलग असर

शनिवार से भूकम्प का अहसास कर चुके लोगों के अलग-अलग अनुभव हैं। किसी ने बैठकर झटके महसूस किए तो उस समय खड़ा था। किसी को चक्कर आने लगे तो कोई बाइक या अन्य किसी वाहन पर सवार था। पैदल चलने वालों के अपने अलग अनुभव हैं। इन सबमें जो लोग स्टूल, प्लास्टिक की हल्की चेयर्स या फिर मूड़े आदि पर बैठे थे, उन्हें झटके थोड़ा ज्यादा महसूस हुए। इसके बाद दूसरे नम्बर पर झटकों को खड़े हुए लोगों ने महसूस किया। मूवमेंट में जो लोग थे, उन्हें झटकों का अनुभव दूसरों की अपेक्षा में कुछ कम हुआ। यही वजह है कि भूकम्प के झटकों ने हर व्यक्ति के दिमाग पर अलग-अलग असर छोड़ा।

ठीक से सो नहीं पा रहे

शनिवार को बैठे-बैठे हिला देने वाले झटके। मकानों में अचानक पंखों का हिलना, बर्तनों का गिरना, पानी की बोतल और कंप्यूटर में कम्पन की स्थिति, सिर चकराना। ये वो वजहें हैं जिनकी वजह से लोग बेचैनी महसूस कर रहे हैं। रात के समय ठीक से नींद नहीं आ रही है। सोते-सोते हल्का-हल्का झटका महसूस हो रहा है।

घबराहट है मन में

वरिष्ठ मनोचित्सक डॉ। केसी गुरनानी के अनुसार भूकम्प के झटकों ने लोगों की मनोदशा पर विपरीत प्रभाव डाला है। दो दिन में लोगों को कई बार झटके लगे थे। इसकी वजह से लोगों के मन में बहुत घबराहट बैठ गई है। घटना के समय लोगों के सिर चकराए उसका असर काफी समय तक रहा। इसी घबराहट की वजह से लोगों के मन में फोबिया बैठ गया।

कुछ दिन रहेगा भूकम्प का फोबिया

वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ। जेकेकालरा का कहना है कि भूकम्प में झटकों को झेल चुके लोगों के मन अभी कुछ दिन तक भयभीत रहेगा। सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है। कम भयभीत लोग एक से लेकर दो सप्ताह तक में सामान्य हो सकते हैं। जबकि ज्यादा डरे हुए लोगों के मन से भूकम्प का फोबिया निकलने में कुछ माह का भी समय लग सकता है।

आईटी एक्सपर्ट प्रतीक के मुताबिक भूकम्प का असर है कि रात में ठीक से नींद तक नहीं आ पा रही है। इसी की वजह से पिछले दो दिनों से रात में अचानक ही नींद उचट जा रही है।

पूर्व पार्षद विवेक तोमर के मुताबिक शनिवार को झटका झेला। इसकी वजह से रात के समय मेरी नींद डिस्टर्ब हो रही है।