- कहीं सामान गिरा तो कहीं पर छत का बारजा, कई दीवारों में आ गई दरार

भूकंप के झटकों का असर जितना ज्यादा शहर में था उससे कम गंगापार और यमुनापार एरिया में भी नहीं था। ग्रामीण भूकंप के झटके महसूस करने के बाद इतने डर गए कि गांव छोड़ दिया। कई गांवों के लोग बाहर मैदान में चले गए। जबकि कई जगहों पर कछार में जाकर खुद को सेफ किया। गंगापार एरिया में पुराने मकानों में उतना नुकसान नहीं हुआ जितना नए मकानों में हुआ। कई मकानों में दरार आ गई जबकि कुछ जगहों पर मकान चटक गई। जिसको लेकर लोग खौफजदा रहे।

-मेजा, मांडा एवं उरुवा के कई घरों की दीवारों में दरार आ गई

-कोहड़ार पहाड़ी पर बसे कई मकानों की छतों एवं बारजों में दरार

-प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज कराने पहुंचे मरीज को लगा झटका, डॉक्टर भाग निकले

-सिरसा बाजार के लोग तो घरों को छोड़ कर सीधा गंगा घाट की तरफ भाग खड़े हुए

-फूलपुर ब्लाक के देवनहरी गांव के पूर्व ग्राम प्रधान नागेन्द्र प्रसाद उपाध्याय की पक्की दीवार फटी

-सोरांव में स्कूली बच्चे क्लास रूम छोड़ मैदान में जमा हो गए

-सिरसा बाजार में तो लोग गंगा के किनारे भाग गए

-इलाहाबाद जौनपुर मुख्य मार्ग तो जैसे जाम हो गया

- सभी आवागमन वाली गाडि़या रूक गई सब लोग मार्ग पर डटे रहे

-नगर पंचायत फूलपुर में तो स्कूलों, बैंकों, अस्पतालों से लोग बाहर सड़कों पर आ गए

-नैनी के पीएसी कॉलोनी के रहने वाले विवेक पांडेय की क्षत की दीवार भूकंप के झटके नहीं बर्दाश्त कर पाई। दो मिनट के झटकों में ही पूरी दीवार टूट कर नीचे गिर गई।