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ALLAHABAD: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स को काफी राहत दी है। बोर्ड की तरफ से दसवीं के स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड परीक्षा में पास होना बेहद आसान कर दिया गया है। इसके लिए बोर्ड की तरफ से निर्देश भी जारी कर दिया गया है। अब दसवीं के स्टूडेंट्स को इंटरनल और बोर्ड परीक्षा को मिलाकर पास होने की व्यवस्था की गई है। अभी तक स्टूडेंट्स को दोनों ही परीक्षाओं में अलग-अलग पास होना अनिवार्य था। बोर्ड ने शुरू में यह व्यवस्था पिछले साल स्टूडेंट्स के लिए की थी। इसे आगे बढ़ाते हुए सत्र 2018-19 में होने वाले बोर्ड परीक्षा के लिए भी लागू किया गया है।

रिजल्ट पर भी दिखेगा असर
सीबीएसई की ओर से दसवीं के स्टूडेंट्स के पासिंग क्राइटेरिया में बदलाव का सीधा असर बोर्ड के रिजल्ट पर पड़ेगा। नए पासिंग क्राइटेरिया के हिसाब से स्टूडेंट्स को इंटरनल व बोर्ड परीक्षा को मिलकर 33 प्रतिशत पास मार्किंग रखी गई है। स्टूडेंट्स को अब 20 अंक की इंटरनल और 80 अंक की बोर्ड परीक्षा में मिलाकर 33 फीसदी अंक हासिल करने होंगे। जबकि पूर्व में सीबीएसई की पासिंग क्राइटेरिया के अनुसार स्टूडेंट्स को इंटरनल और बोर्ड परीक्षा में अलग-अलग 33 प्रतिशत हासिल करने पर ही पास किया जाता था।

पहले की व्यवस्था के हिसाब से अगर बच्चा किसी भी प्रकार से एक सब्जेक्ट में फेल हो जाता है तो उसका सीधा असर सीबीएसई के रिजल्ट पर पड़ता। नई व्यवस्था से स्टूडेंट्स को काफी लाभ होगा।
जया सिंह
प्रिंसिपल, डीपी पब्लिक स्कूल