Water
ज्यादातर मॉनसून डिसीजेस पानी से होती हैं. इसलिए पानी को लेकर सबसे पहले अलर्ट होने की जरूरत है.
What to do
हमेशा उबला हुआ या प्यूरीफाइड पानी ही पीएं.
उन ड्रिंक बेवरेजेस को भी अवॉइड करें जो प्यूरीफाइड वॉटर से नहीं बनाए गए हैं.
इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स से जूस, बटरमिल्क, लेमन जूस, गोलाज और कुल्फी तो बिल्कुल ही ना लें.
Food
इस सीजन में इ-कोलाई, सालमोनेला जैसे बैक्टीरिया की वजह से फूड पॉयजनिंग नॉर्मल होती है.
What to do
अच्छे से पकी और गर्म चीजें ही खाएं.
अगर खाने से कोई अजीब सी महक आए या फंगस दिखे तो उसे तुरंत फेंक दें.
रॉ फ्रूट्स और वेजिटेबल्स को प्यूरीफाइड पानी से पूरी तरह धोने के बाद ही खाएं.
रॉ सीफूड और सेलफिश बिल्कुल ना खाएं.
Dairy
उन सभी डेयरी प्रोडक्ट्स को अवॉइड करें जिन्हें प्रॉपली पास्चराइज्ड नहीं किया गया है.
What to do
चीज को भी अवॉइड करें भले ही वह रेफ्रीजेरेटेड हो.
बाजार से कैन फूड्स को खरीदते वक्त ध्यान से देखें कि पैकेट में कहीं लीकेज तो नहीं है. अगर ऐसा है तो उसे ना लें.
डेयरी प्रोडक्ट्स के अगर कलर चेंज लगे या स्मेल करे तो समझ लीजिए यह खराब हो चुका है.
Fruits and vegetables
पहले से कटे हुए या पील्ड फ्रूट्स ना खाएं.
What to do
मॉनसून सीजन में आम खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें कहीं से भी कट्स ना हों. इनमें बैक्टीरियल इंफेक्शन ईजिली होता है.
हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरिया सबसे ज्यादा होते हैं. कुछ सब्जियों जैसे कॉर्ली फ्लॉवर, कैबेज, स्पिनैच में इंसेक्ट्स और वॉम्र्स के ज्यादा चांसेज होते हैं. इन्हें लेकर सबसे ज्यादा
सतर्क रहने की जरूरत है.
इस मौसम में नास्पाती, प्लम्स, पपाया और केले अवेलेबल होते हैं, इन्हें अच्छी तरह धोने के बाद ही खाएं.
Symptoms of food poisoning
लगातार वुमेटिंग, लूज स्टूल, एबडॉमेन में पेन और मचली भी आ सकती है.
कभी कभी फीवर और खांसी जुकाम जैसी प्रॉब्लम भी दिखाई देती हैं.
Treatment of food poisoning
फिजीशियन डॉ. मृदुल भूषण फूड पॉइसनिंग के ट्रीटमेंट
अगर लगातार लूज स्टूल हो रहे हैं तो वाटर इनटेक बढ़ा देना चाहिए.
सिर्फ लूज स्टूल को दवा से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन अगर साथ में वुमेट भी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें.
फूड बैलेंस करने के साथ ही इलेक्टोलाइट जरूर चेक कराएं.
Easy and essential
बारिश की फुहारों से भले ही कुछ राहत मिली हो बावजूद इसके गर्मी पूरी तरह गई नहीं है इसलिए दिन में कम से कम 10 ग्लास पानी जरूर पीएं. यह बॉडी से टॉक्सिंस को बाहर
निकालने के साथ हमें हाइड्रेट रखती है.
अपने विटामिन सी इनटेक को बढ़ाइए. यह वायरल इन्फेक्शंस के अगेंस्ट वर्क करता है. रोजाना नींबू-पानी ले सकते हैं.
खाना खाने से पहले उसे गर्म जरूर करें चाहे वो रेफ्रीजरेडेट ही क्यों ना हो. ह्यूमिडिटी और वॉम्र्थ वाला यह मौसम बैक्टीरियाज के लिए सूटेबल होता है.
डॉगी को वॉक से वापस लाने पर उसे नहलाने के बाद ही घर में एंटर करें वरना उसके फर में छिपे जम्र्स घर में आ जाएंगे.
Ginger: A healthy monsoon dose
जिंजर डिशेज को सिर्फ टेस्टी ही नहीं बनाता बल्कि इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं...
Indigestion: जिंजर गॉल ब्लैडर से बाइल जूस के सिक्रीशन को बढ़ाती है जो डाइजेशन में हेल्पफुल होता है.
Cough: अदरक वाली एक कप चाय गले की खरास दूर करने के साथ म्युकस के सिक्रीशन बढ़ाकर कफ से राहत दिलाती है.
Morning Sickness: कई स्टडीज ये प्रूव करती हैं कि जिंजर मॉर्निंग सिकनेस की ट्रीटमेंट में उतना ही फायदा पहुंचाता है जितना की विटामिन बी-6.