लंबित मांगों ने कराई हड़ताल

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन पिछले काफी समय से अपनी समस्याओं के निदान की मांग कर रही है। इसमें मुख्य रूप से बैंक कर्मियों के वेतन पुनरीक्षण कराने और केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधार को रोका जाए मुख्य है। यूनियन के अनुसार पिछले काफी समय से समस्याओं के निदान की मांग की जाती रही है। हर बार मांगों पर आश्वासन दिया गया, लेकिन समाधान नहीं किया गया। इससे परेशान होकर ही हड़ताल करने का निर्णय लिया।

1000 बैंक शाखाओं पर ताला

मांग पूरी नहीं होने पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने रविवार देर शाम दो दिवसीय हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया। सोमवार और मंगलवार को होने वाली हड़ताल के लिए यूनियन ने पहले से ही तैयारी पूरी कर ली थी। हड़ताल के पहले दिन मेरठ जनपद में 28 राष्ट्रीयकृत बैंकों की 1000 शाखाएं बंद रही। सिटी के साथ देहात में भी हड़ताल का व्याप्त असर दिखा। अधिकांश ग्राहक हड़ताल की जानकारी होने होने के कारण बैंकों के चक्कर काटते नजर आए।

एटीएम ने दिया धोखा

हड़ताल के दौरान ग्राहकों को परेशानी ना हो इसके लिए बैंकों ने अपने एटीएम में 25 लाख रुपए भरे थे। सिटी में सभी बैंकों के  242 एटीएम है। लेकिन बैंकों की हड़ताल होने के कारण पब्लिक के सामने एटीएम ही सहारा बचें। दोपहर होते होते सिटी के अधिकांश एटीएम खाली हो गए। एटीएम के  भी साथ छोडऩे के कारण लोग यहां से वहां दौड़ते नजर आए। शास्त्रीनगर निवासी राकेश गोयल ने बताया कि पिछले एक घंटे में छह एटीएम के चक्कर काट चुका हूं, लेकिन सभी खाली थे.शादी की तैयारियों पर ब्रेक

इस समय शादी का सीजन चल रहा है। शादी की तैयारियों में लगे लोग एटीएम, चेक और नगद राशि का अधिक प्रयोग करते हैं, लेकिन बैंकों की हड़ताल के असर ने शादी की तैयारियों पर भी बे्रक लगा दिया है। एटीएम खाली होने, बैंकों बंद होने और नगद राशि पास नहीं होने से परेशानी अधिक बढ़ गई है.

निजी बैंक बने सहारा

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के साथ 28 बैंक हड़ताल में शामिल है, लेकिन निजी क्षेत्र के एचडीएफसी, आईसीआईसीआई आदि बैंक हड़ताल में शामिल नहीं रहे। इस कारण पब्लिक को कुछ राहत मिली, लेकिन एटीएम पर अधिक भीड़ रकम निकालने के लिए दिनभर जमी रही। इससे निजी बैंकों के एटीएम भी खाली हो गए। कुछ एटीएम पर तो लोग लाइन लगाकर भी खड़े दिखे.250 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

बैंकों की हड़ताल के चलते पहले दिन 250 करोड़ रुपयों का लेनदेन प्रभावित हुआ। इसमें 100 करोड़ रुपये के चेक क्लीयरिंग में फंसे रहे, जबकि 150 करोड़ का नगद लेनदेन प्रभावित हुआ। मेरठ में सर्राफा बाजार, खेल उद्योग, कैंची उद्योग के साथ तमाम बाजार बैंकों की हड़ताल से बेजार दिखे। बैंक में क्लीयरिंग के लिए जमा कराए गए चैक अटकने से भी व्यापारी वर्ग के साथ आम पब्लिक को भी परेशानी हुई.केंद्र सरकार पर भड़ास

यूनियन ने ईक रोड स्थित पीएनबी बैंक पर सुबह मीटिंग की। मीटिंग में मौजूद कर्मियों ने केंद्र सरकार के रवैये के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और शीघ्र समस्याओं का निदान नहीं होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। कर्मियों ने इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया।

"बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले काफी समय से परेशान है। इंडियन बैंक एसोसिएशन से वार्ता हुई पर बात नहीं बन सकी। मजबूरी में बैंक कर्मियों ने हड़ताल का रास्ता चुना।

- राजीव कुमार, सह संयोजक, मेरठ इकाई"

"रविवार के बाद सोमवार और मंगलवार को भी बैंक बंद होने से परेशानी अधिक बढ़ गई है। व्यापारियों के करोड़ों रुपए के चैक बैंकों में अटक गए हैं।

- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ"