अच्छे दिन का होगा एजेंडा

वित्त मंत्री अरुण जेटली लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे. इसके बाद गुरूवार को मोदी सरकार अपना पहला आम बजट पेश करेगी. आज पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण में देश की आर्थिक दशा और दिशा का पता चलेगा. आज के आर्थिक सर्वेक्षण्ा में मोदी सरकार के अच्छे दिन के एजेंडे की झलक मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही किन-किन क्षेत्रों में सरकार का जोर रहेगा, से बात भी साफ हो जायेगी. यही वजह है कि आम आदमी से लेकर बड़े बिजनेसमैन और मार्केट तक की नजर इस सर्वेक्षण पर टिकी है.

फिक्की ने घटाई दरें

संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने से पहले उद्योग मंडल फिक्की ने चालू वित्त वर्ष के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि का अनुमान घटाकर 5.3 परसेंअ कर दिया है. इससे पहले उद्योग मंडल ने 2014-15 में 5.5 परसेंट वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया था. ऐसा मुख्यतौर पर कृषि क्षेत्र की कमजोर संभावनाओं को देखते हुये किया गया है, क्योंकि इस वर्ष मानसून सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. रेल बजट के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जताते हुये इसे देश की आर्थिक दशा को सुधारने वाला रेल बजट बताया. गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने अपना पहला बजट पेश करने से पहले कहा कि राजकोषीय घाटे को खर्च कम करने के बजाए अर्थव्यवस्था में विस्तार और कर संग्रह बढ़ाकर स्वीकार्य स्तर पर बनाये रखने की आवश्यकता है.

आर्थिक सर्वे के मुख्य बिन्दु-

1- साल 2013-14 में बकाया-भुगतान की स्थिति काफी सुधरी है.

2- देश का विदेशी पूंजी भंडार मार्च 2014 के आखिर में बढ़कर 304.02 अरब डॉलर हो गया.

3- 2013-14 वित्तीय वर्ष में व्यापार घाटे में तेजी से कमी आई.

4- साल 2013-14 में सेवा क्षेत्र में एफडीआई 37.6 फीसदी बढ़कर 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया है, जबकि एफडीआई के क्षेत्र में कुल निवेश वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही.

5- सर्वे में सेवा क्षेत्र को देश का दूसरा सबसे बड़ा उभरता क्षेत्र बताया

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