आपको जानेंगे, तभी तो योजनाएं बनेगी

डिस्ट्क्टि इकोनॉमिक सेंसस ऑफिसर एसएन त्रिपाठी कहते हैं कि इस गणना का मकसद पब्लिक की इकोनॉमिक पोजिशन को पता करना है। वह क्या करता है? कितना कमाता है? किस धंधे से जुड़ा हुआ है? अगर इसकी डिटेल्स मिलने के बाद ही गवर्नमेंट इसी को बेस करके योजनाएं बनाती है। अगर पब्लिक द्वारा गलत या प्रापर इंफार्मेशन नहीं दी जाएंगी तो एक तरह से यह देश की तरक्की में बाधक बनने का वाला कदम होगा। उन्होंने बताया कि पब्लिक की फाइनेंशियल कंडीशन की सही जानकारी आए, इसीलिए इसको इस बार साख्यिकी अधिग्रहण एक्ट से भी जोड़ दिया गया है। जिसके बाद इस गणना में सही जानकारी देना सिर्फ आपकी जिम्मेदारी नहीं बल्कि जरूरी भी हो गया है।

Income है तो किया जाएगा शामिल

एसएन त्रिपाठी ने बताया कि इस गणना में सिर्फ उन्हीं लोगों को शामिल किया जाएगा जो कि इनकम कर रहे हैं। मसलन, अगर एक फैमिली में तीन लोग डिफरेंट माध्यम से इनकम करते हैं और दो लोग नहीं करते हैं, तो ऐसी कंडीशन में सिर्फ तीन लोगों को ही इस गणना में शामिल किया जाएगा। उन्हीं से 26 क्वेश्चन का एक प्रोफार्मा भरवाया जाएगा। जबकि शेष दो अन्य लोगों को फैमिली के मेन सदस्य की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इसमें ट्यूशन, मेड, सर्वेंट जैसे लोगों की इनकम को भी शामिल किया जाएगा।

आपकी और आपके working का पता चला

इस गणना में गवर्नमेंट का मकसद सिर्फ लोगों की इकोनॉमिकल स्टडी की डीप रिपोर्ट तैयार करना है। एसएन त्रिपाठी ने बताया कि इसमें सिर्फ किसी की वर्किंग और इनकम के बारे में ही नहीं बल्कि यह भी पता किया जाएगा कि वहां जिस उद्योग में काम कर रहा है, वहां पर वह किस तरह का काम कर रहा है? कितने घंटे काम कर रहा है? कंप्यूटर में काम कर रहा है या फिर पेपर वर्क करवाया जाता है? सैलरी किसी माध्यम के थू्र दी जाती है। जैसी डिटेल्स को भी इन 26 सवालों के थू्र जानने की कोशिश की जाएगी। और भी कई सवाल हैं जो इसमें शामिल किए गए हैं।

30 जून तक हो जाएंगी complete

डीएम राजशेखर ने बताया कि एक जून से आर्थिक गणना शुरू हो जाएगी। यह सेंसस 30 जून तक होगी। उन्होंने बताया कि सभी प्रगणक की ड्यूटी फिक्स कर दी गई है। 31 को उनकी ट्रेनिंग कर दी जाएगी। सिटी में नगर निगम को इस गणना की नोडल एजेंसी बनाया गया है। वहीं पूरे जिले में इस गणना को किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रगणक को बकायदा आईकार्ड इश्यू किए गए हैं। यह अनिवार्य है कि सभी प्रगणक आई कार्ड को लेकर ही फील्ड में जाए।

टेंशन न लें, कोई जान नहीं सकता आपकी details

जहां एक तरफ इकोनॉमिक गणना में सही जानकारी देना जरूरी कर दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ इसको आरटीआई के दायरे से भी बाहर कर दिया गया है। यानी प्रगणक को आपके द्वारा दी गई जानकारी को कोई दूसरा शख्स किसी भी तरह से हासिल नहीं कर सकता है। यहां तक की आरटीआई के थू्र भी वह किसी दूसरे शख्स की इकोनॉमिक कंडीशन की डिटेल्स नहीं पा सकता है.अगर कोई प्रगणक किसी की डिटेल्स को लीक करता है तो फिर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्राविधान है।

आर्मी व पैरामिलिट्री फोर्स नहीं, खानाबदोश होंगे शामिल

इस गणना में आर्मी व पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि वहीं दूसरी तरफ घुमक्कड़ परिवार, रेलवे स्टेशनों में रहने वाले, सड़क के किनारे रहने वाले खानाबदोश लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा। उनको बिना मकान का परिवार माना जाएगा। नारी निकेतन, अनाथालय व अन्य शरण स्थल में रहने वाले लोगों को एक सदस्यीय परिवार के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा।